नई दिल्ली। फिरोजपुर में सीमा सुरक्षा बल ने सतलुज नदी से एक पाकिस्तानी नाव बरामद की है। बरामदगी के वक्त यह नाव खाली थी। सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि यह नाव यहां कब आई, इसमें कौन लोग सवार थे और इसे यहां लाए जाने का मकसद क्या था। इस पाकिस्तानी नाव की बरामदगी इसलिए अहम है, क्योंकि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला यहां फंसा था। उनकी सुरक्षा में चूक का मुद्दा राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है।
सतलुज नदी में पाकिस्तानी बोट मिलने के बाद बीएसएफ ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बीएसएफ की टीम आसपास के इलाकों को खंगालने में जुट गई है। यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं कुछ लोग नाव में सवार होकर भारतीय सीमा में तो नहीं आए। हालांकि अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा है
सूत्रों की मानें तो इसे पाकिस्तान के जरिए नशा और हथियार भेजने की कोशिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है। चूंकि पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन अब सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर हैं। खासकर, पंजाब में बीएसएफ का दायरा भी 50 किमी तक बढ़ा दिया गया है। ऐसे में ड्रोन के अलावा कहीं नाव से तो कुछ आपत्तिजनक नहीं भेजा गया, इस एंगल से भी जांच की जा रही है। बीएसएफ टीम आसपास के इलाकों में देख रही है कि किसी के पैरों के निशान तो नहीं है। इससे पहले 2018 में भी इसी तरह की नाव मिल चुकी है
पाकिस्तानी नाव ऐसे मौके पर बरामद हुई है, जब केंद्र सरकार की हाई लेवल कमेटी PM की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए फिरोजपुर पहुंची हुई है। इसमें गृह मंत्रालय के सुरक्षा सचिव सुधीर कुमार,आईबी के जॉइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह और एसपीजी के आई
जी एस. सुरेश शामिल हैं।
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