सिलीगुड़ी। गोसाईपुर के फरवानी जोत विवेकानन्द क्लब द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल को मानते हुए विवेकानंद की 160वीं जयंती मनाई गई। इस दिन क्लब प्रांगण झंडा फहराया गया, स्वामीजी की मुर्ति पर माल्यार्पण किया गया और राष्ट्रीय गान के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान क्लब के सदस्यों ने स्वामीजी की जीवनी पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में क्लब के सभापति पद्मनाथ सिंह, क्लब के सचिव कल्याण सिंह, प्रकाश सिंह, राजू बर्मन, कृष्ण बर्मन, विष्णु सिंह, हिमांशु सिंह सहित अन्य उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने कहा कि भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता में हुआ था। विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वैसे तो उनका पूरा जीवन ही युवाओं के लिए प्रेरणा है। एक 25 साल का नौजवान सांसारिक मोह माया छोड़ आध्यात्म और हिंदुत्व के प्रचार प्रसार में जुट गया। संन्यासी बन ईश्वर की खोज में निकले विवेकानंद के जीवन में एक दौर ऐसा आया, जब उन्होंने पूरे विश्व को हिंदुत्व और आध्यात्म का ज्ञान दिया। 11 सितंबर 1893 में अमेरिका में धर्म संसद का आयोजन हुआ था। भारत की ओर से स्वामी स्वामी विवेकानंद शिकागो में हो रहे धर्म सम्मेलन में शामिल हुए। यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’ के साथ की। उनके भाषण पर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो पूरे दो मिनट तक तालियों से गूंजता रहा। भारत के इतिहास में यह दिन गर्व और सम्मान की घटना के तौर पर दर्ज हो गया।
Comments are closed.