नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता एस. के. सुफियान को बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी। सुफियान पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट थे।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका ने सुफियान को राहत देते हुए कई शर्तें भी लगाईं। शीर्ष अदालत ने चार फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। उस समय सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने कहा था कि सुफियान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यकर्ता की हत्या के मामले की जांच से भाग रहे हैं।
सीबीआई भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत मैती की मौत की जांच कर रही है जिसकी नंदीग्राम में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी है।
चुनाव के बाद हुई हिंसा में नंदीग्राम में ममता बनर्जी के चुनावी एजेंट शेख सूफियान का नाम उछला था। सीबीआई ने सुफियान को पूछताछ के लिए तलब किया था। हालांकि नंदीग्राम के टीएमसी नेता अपनी बीमारी का कारण बताते हुए सीबीआई कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। सुफियान को हल्दिया सीपीटी गेस्टहाउस में हाजिर होना था, लेकिन बाद में उनके वकील स्वपन कुमार अधिकारी ने तृणमूल नेता के बीमारी प्रमाण पत्र के साथ एक लिखित याचिका दायर की थी।
बीजेपी नेता की हत्या के मामले में चल रहा है मामला : उल्लेखनीय है कि 3 मई को नंदीग्राम-1 प्रखंड के चिल्लाग्राम निवासी बीजेपी कार्यकर्ता देबब्रत माइति पर हमला किया गया था। वहीं, उनकी पार्टी के सहयोगियों के घरों में भी तोड़फोड़ की गई थी। गंभीर रूप से घायल होने के कारण 13 मई को एसएसकेएम में देवव्रत की मौत हो गई थी। देबब्रत माइति की हत्या में शेख सूफियान का नाम शामिल है। सीबीआई ने देबब्रत माइति की हत्या के सिलसिले में शेख सूफियान के दामाद समेत तृणमूल के 11 नेताओं को गिरफ्तार किया था।
चुनाव के बाद हिंसा के मामले की जांच कर रही है सीबीआई : बता दें कि विधानसभा चुनाव के नतीजे इसी साल 2 मई को घोषित किए गए थे। बीजेपी का आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस चुनाव के बाद अपने कार्यकर्ताओं और सदस्यों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे थे। उनके घर लूट लिए गए। अपनी जान के डर से, उन्हें दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी है। यहां तक कि महिलाओं पर भी शोषण करने का आरोप लगा है। हाईकोर्ट ने हिंसा के मामलों की जांच का आदेश सीबीआई को दिया है। सीबीआई हत्या सहित गंभीर मामलों की जांच कर रही है।
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