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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कल आएंगे सिलीगुड़ी,14 फरवरी रहेंगे तक उत्तर बंगाल में

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सिलीगुड़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत फिर से पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं। संघ प्रमुख 10 फरवरी को बंगाल दौरे पर पहुंच रहे हैं। वह 17 फरवरी तक एक सप्ताह तक राज्य में रहेंगे। इस दौरान वह उत्तर बंगाल और बर्दवान में संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। आरएसएस की ओर जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 11 से 13 फरवरी तक उत्तर बंगाल में नक्सलबाड़ी और मध्य बंगाल में 15 से 16 फरवरी तक बर्दवान में बैठक करेंगे। इन दोनों जगहों पर संगठनात्मक मुद्दों पर विभिन्न स्तरों पर बैठकें होंगी। मध्य बंगाल में बैठक के अंतिम दिन सुबह 10 बजे अड़तीस स्थानों से ऑनलाइन शारीरिक प्रदर्शन होगा और फिर स्वयंसेवकों का उद्देश्य से सरसंघचालक मोहन भागवत वक्तव्य रखेंगे। बता दें कि आरएसएस प्रमुख 31 जनवरी को कोलकाता दौरे पर आये थे। उन्होंने एक और दो फरवरी को केशव भवन में आरएसएस की अखिल भारतीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित थे।
सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख 10 तारीख को बागडोगरा हवाईअड्डे से उत्तर बंगाल के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे। वह 14 तारीख तक उत्तर बंगाल में रहेंगे। 15 तारीख की रात बर्दवान के लिए रवाना होंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह वहां से कलकत्ता आएंगे या नहीं। मोहन भागवत 17 फरवरी को नागपुर लौटेंगे। दरअसल, उत्तर बंगाल और बर्दवान में आरएसएस की मजबूत मौजूदगी है। कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि आरएसएस प्रमुख का इन दोनों जगहों का दौरा कोई संयोग नहीं है, बल्कि संगठन को और भी मजबूत बनाने की कवायद है.
स्वयंसेवकों और अनुषांगिक संगठनों के साथ करेंगे बैठक : संघ के सूत्रों के अनुसार बैठक में आदिवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद जैसे अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक का मुख्य मकसद प्रचारकों के कार्य क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को सुनना और उसका निदान ढूंढना है। इसके अलावा संघ के कार्यों को विस्तार करने और अनुषांगिक संगठनों के साथ तालमेल की रणनीति भी बनाई जाएगी. सूत्रों ने बताया है कि न केवल संघ और अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ मोहन भागवत की बैठक होनी है बल्कि कई अन्य क्षेत्रों जैसे राजनीतिक, सामाजिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक जगत की हस्तियां भी उनसे मुलाकात कर सकती हैं।
संगठन के विस्तार की बनेगी रणनीति : बता दें कि उत्तर बंगाल में आरएसएस की लभगग 600 शाखाएं हैं और लगभग 500 मिलन हैं। उत्तर बंगाल में सिक्कम लेकर पांच विभाग और 14 जिले हैं। आरएसएस ने उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में आरएसएस की शाखाओं की संख्या दुगना करने का लक्ष्य रखा है। बता दें कि संघ प्रमुख के बंगाल दौरे के दौरान कोरोना महामारी के बाद की स्थिति, समाज के साथ संपर्क और सेवा जैसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है।


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