Universe TV
हर खबर पर पैनी नजर

चुनाव के बाद महंगाई की मार, पेट्रोल-डीजल और एलजेपी के दामों में आया उछाल, आम आदमी का होने वाला है बुरा हाल

- Sponsored -

- Sponsored -


नई दिल्ली। चुनाव बीतते ही पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा कर दिया गया है, इतना ही नहीं एलपीजी के दामों को भी बढ़ाया गया है। वहीं इससे पहले दूध के दामों को जहां बढ़ाया तो वहीं पीएफ की ब्याज दरों में कटौती कर दी गई थी। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आज 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी पिछले करीब साढ़ चार महीनों के बाद हुई है, इस दौरान देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों संपन्न कराए गए। इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत आज से 96.21 और 87.47 रुपये प्रति लीटर हो गई। इसके अलावा मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमत 110.82 रुपये और 95.00 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 105.51 रुपये और 90.62 रुपये, चेन्नई में 102.16 रुपये और 92.19 रुपये प्रति लीटर हो गई। इससे पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतें चार नवंबर को बढ़ाई गईं थीं। एलपीजी की कीमत जुलाई और अक्टूबर 2021 के बीच प्रति सिलेंडर 100 रुपये के करीब बढ़ गई थीं। एकबार फिर से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में भी 50 रुपए का इजाफा हुआ है। दिल्ली में अब 14.2 किलो का बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 949.50 रुपए में मिलेगा। दिल्ली में 5 किलो वाला LPG सिलेंडर 349 रुपए, 10 किलो वाला 669 रुपए और 19 किलो वाला कमर्शियल सिलेंडर 2003.50 रुपए में मिलेगा।
दीपावली के एक दिन पहले घटी थी एक्साइज ड्यूटी
केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की थी। तक पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 5 रुपए और डीजल में एक्साइज ड्यूटी 10 रुपए प्रति लीटर घटाई गई थी। इसके बाद कई राज्यों ने वैट में भी कटौती की थी। इससे आम आदमी को थोड़ी राहत मिली थी।
चुनाव बाद दाम बढ़ने का अंदेशा सच साबित हुआ
चुनाव और पेट्रोल-डीजल के दाम का आपसी संबंध देखें, तो मौजूदा सरकार अब तक तीन बार चुनाव से ठीक पहले तेल के दाम स्थिर रखती है, जबकि चुनाव के बाद दाम बढ़ जाते हैं। इन तीन राज्यों में चुनाव और पेट्रोल-डीजल के कनेक्शन को यहां समझा जा सकता है।
पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 6 अप्रैल से 29 अप्रैल 2021 तक चुनाव हुआ। 23 फरवरी 2021 से पेट्रोल-डीजल के दाम फ्रीज हो गए। 2 मई को जब चुनाव के नतीजे आए। 4 मई से अगले पांच महीने तक पेट्रोल के दाम हर दिन या फिर हर दूसरे दिन बढ़ते गए। इस दौरान करीब 20 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई। 2020 के अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ। 23 सितंबर से 19 अक्टूबर तक पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार भी नहीं बढ़े, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद 20 नवंबर 2020 से कीमतें बढ़ने लगी। 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ। मार्च में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 10% की बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन दाम सिर्फ 1% बढ़े। 20 मई को परिणाम आने के बाद फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने लगे।
रूस-यूक्रेन लड़ाई के चलते जो दाम बढ़े थे, वो अब गिर रहे हैं
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम तेजी से बढ़ते हुए 7 मार्च को 139.13 डॉलर पर पहुंच गया था। इससे पहले 2008 में कच्चे तेल का दाम 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा था। हालांकि, अब क्रूड की कीमतें तेजी से गिर रही हैं। 10 मार्च को कच्चे तेल के दाम 108.7 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए थे। जानकार बताते हैं कि क्रूड के रेट में गिरावट का क्रम अभी जारी रहेगा।
कच्चे तेल का दाम दोगुना हुआ फिर भी नहीं बढ़े थे दाम
कच्चे तेल का दाम 1 दिसंबर 2021 को 68.87 डॉलर था। उस वक्त दिल्ली में पेट्रोल का दाम 95.41 रुपए प्रति लीटर था। 7 मार्च 2022 को कच्चे तेल का दाम 139.13 डॉलर पहुंच गया। इसका मतलब ये हुआ कि 102 दिन में अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड के दाम 70.26 डॉलर तक बढ़ गए, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल के दाम 95.41 पर ही टिके रहे। अब जबकि क्रूड के रेट 108 डॉलर पर आ गए हैं, तब भी दाम बढ़ा दिए गए हैं।
महंगाई के मुद्दे को लेकर सरकार का घेराव तेज
बढ़ती महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार का घेराव तेज कर दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राशन के बढ़े दामों की लिस्ट साझा करते हुए सरकार पर तंज कस, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महंगाई से भारत की जनता को फर्क पड़ रहा है, भारतीय जनता पार्टी को नहीं। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, चुनाव खत्म महंगाई शुरू, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जनता को दिया भाजपा सरकार ने महंगाई का एक और उपहार, लखनऊ में रसोई गैस सिलेंडर हुआ हज़ार के पास और पटना में हज़ार के पार!
सोशल मीडिया पर फूटा लोगों का गुस्सा
वहीं सोशल मीडिया पर आम आदमी का दर्द नजर आ रहा है। लोगों की नाराजगी है कि अभी पांचों राज्यों में पूरी तरह से सरकार भी नहीं बन पाई थी कि सरकार ने महंगाई पर अपनी लगाम ढीली कर दी। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लोगों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है।


- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.