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आरआरआर मूवी रिव्‍यू: ‘बाहुबली’ जैसी नहीं, पर ‘बाहुबली’ से कम नहीं है, जानें फिल्म की कहानी और लोगों की राय

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मूवी रिव्‍यू: आरआरआर (RRR)
ऐक्टर : राम चरण,एनटीआर जूनियर,अजय देवगन,आलिया भट्ट,श्रिया सरन,मकरंद देशपांडे
डायरेक्टर : एसएस राजामौली
श्रेणी :Telugu, Action, Drama, Period, History
अवधि : 3 Hrs 7 Min
क्रिटिक रेटिंग
3.5/5
नई दिल्ली। ब्लॉकबस्टर फिल्में देने के लिए मशहूर निर्देशक एसएस राजामौली की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आरआरआर’ शुक्रवार को सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म का इंतजार कर रहे दर्शक ‘आरआरआर’ देखने के लिए टूट पड़े हैं और फिल्म को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियां भी आने लगी हैं। जिनमें सभी राम चरण और जूनियर एनटीआर द्वारा अभिनीत इस फिल्म की तारीफ कर रहे हैं। कुछ लोगों को तो फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने फिल्म के बैक-टू-बैक दो शोज भी देख लिए।
‘बाहुबली’ फेम निर्देशक एसएस राजामौली सिनेमा के पर्दे पर लार्जर दैन लाइफ किरदारों को रचने के लिए जाने जाते हैं। उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आरआरआर’ शुक्रवार, 25 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म शुरुआत से लेकर अंत तक एक ऐसा अद्भुत विजुअल ट्रीट है कि आप अवाक होकर फिल्म के किरदारों, सिनेमेटोग्राफी, स्पेशल इफेक्ट्स, भव्य सेट और किरदारों के दमदार अभिनय के बीच गोते खाते जाते हैं। यह राजामौली की कल्पना का कमाल है कि फिल्म के किरदार असल हैं, मगर परिस्थितियां काल्पनिक हैं। अल्लूरी सीतारामा राजू और कोमाराम भीम इन दोनों महान क्रांतिकारियों को निर्देशक राजामौली ने अपनी काल्पनिक सोच से एक होकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लोहा लेते दिखाया है। जो असल जिंदगी में कभी एक दूसरे से नहीं मिले थे। मगर कहानी में राजामौली ने उन्हें ऐसे पिरोया है कि वे इतिहास का एक अहम अंग प्रतीत होने लगते हैं। फिल्म की सबसे खास बात ये भी है कि राजमौली ने अपने नजरिए से देश ही नहीं बल्कि कहानी को भी धर्मनिरपेक्ष दर्शाया है।
कहानी 1920 के दशक में स्वंत्रता से पहले के आदिलाबाद जिले की है। तब देश अंग्रेजों की गुलामी से पीड़ित था। एक नहीं बच्ची मल्ली को अंग्रेज अपने साथ इसलिए उठा ले जाते हैं, क्योंकि उन्हें उसकी आवाज अच्छी लगती है। वहीं उनकी कौम का गड़रिया अर्थात रखवाला कोमाराव भीमुडो (जूनियर एनटीआर) उस नन्हीं बच्ची को अंग्रेजों के चंगुल से उठा ले जाने का बीड़ा उठाता है। दूसरी ओर ब्रिटिश सरकार में पुलिस अधिकारी के पद पर कार्यरत राम (रामचरण) का काम ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत और क्रांति का बिगुल बजाने वाले क्रांतिकारियों को पकड़कर कड़ी सजा देना है। राम इधर भीम को गिरफ्तार करने के मिशन पर निकल पड़ता है। अगर वह भीम को जिंदा गिरफ्तार कर लेगा, तो अंग्रेज सरकार उसे इनाम के रूप में स्पेशल पुलिस का पद दे देगी। इस अहम पद को पाने में राम का भी अपना एक गहरा और छुपा हुआ मकसद है। फिर हालात ऐसे बनते हैं कि राम और भीम एक-दूसरे की असलियत से बेखबर बहुत पक्के दोस्त बन जाते हैं। इतने पक्के कि एक-दूसरे पर जान न्योछावर कर दें। अब जब उन्हें यह पता चलेगा कि वे एक-दूसरे के दुश्मन हैं, तो क्या उनकी दोस्ती कायम रह पाएगी? क्या वे अपने मकसद को भूल जाएंगे? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
ट्विटर पर फिल्म की प्रसंशा करते हुए एक यूजर ने लिखा, ‘सबसे बड़े भारतीय फिल्म निर्माता द्वारा 2 विशाल जन नायकों का उत्सव; हमारे स्वतंत्रता संग्राम और हिंदू पौराणिक कथाओं में डूबी भावनाओं और अविश्वसनीय थिएटर पलों से भरपूर एक असाधारण मनोरंजन करने वाली फिल्म। फर्स्ट हाफ शानदार , सेकेंड हाफ अच्छा, पूरा करने’ वाला क्लाइमेक्स।
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘इस फिल्म की तारीफ करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं हैं। भावनाओं से भरा हुआ। मुझे किसी भी फिल्म को देखने का इतना अच्छा अनुभव कभी नहीं मिला, मेरे पास कहने के लिए और भी बहुत कुछ है लेकिन अभी मेरे पास शब्द नहीं हैं।’
वहीं एक और यूजर ने लिखा, ‘आरआरआर की कहानी पर एक इंच भी समझौता किए बिना बहुत सारे इंस्पायरिंग मोमेंट पैदा करता है। जूनियर एनटीआर और राम चरण के भावनात्मक प्रदर्शन के साथ राजामौली का एक और शानदार जादुई एक्शन धामाका।’
जाने-माने फिल्म क्रिटिक तरन आदर्श ने फिल्म को पांच में से चार रेटिंग देने हुए कहा, ‘एसएस राजामौली ने इसे फिर से ठीक किया । आरआरआर एक बड़े स्क्रीन की फिल्म है जो एड्रेनालाईन पंपिंग पलों, भावनाओं और देशभक्ति को शानदार ढंग से मिश्रित करता है। आरआरआर में एक बड़ी सफलता के रूप में उभरने की शक्ति और क्षमता है।’


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