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करीब 400 साल पुरानी मूर्ति का संरक्षण नहीं करने पर उठ रहे हैं सवाल

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मालद। मालदा में प्राचीन विष्णु मूर्ति की करीब एक साल से उपेक्षा की जा रही है। यह प्राचीन मूर्ति मालदा जिले के हबीबपुर प्रखंड के श्रीरामपुर ग्राम पंचायत में भारत-बांग्लादेश सीमा पर रंजीतपुर गांव के खाली खेत में लगभग एक साल से पड़ी है।
गौरतलब है कि यह प्राचीन मूर्ति टमाटर की खेती करते समय एक किसान की उस समय मिली थी , जब वह खेती के लिए कुदाल से खेत खोद रहा था। पहले तो इस मूर्ति को लेकर स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। जमीन से मूर्ति को निकालने के साथ ही पूजा शुरू हो गयी। जिस भूमि पर मूर्ति रखी गयी है, उसका मालिक नियमित रूप से शाम को मूर्ति की पूजा करता है। लंबे समय से यह मूर्ति खुले में पड़ी है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से इसे बचाने या संरक्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का मालदा में एक शाखा कार्यालय है। प्राचीन मूर्ति को बचाने या संरक्षित करने के लिए विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिले के स्थानीय निवासियों और पुरातत्वविदों को डर है कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो मूर्ति खो सकती है या चोरी हो सकती है। स्थानीयवासियों के अनुसार रंजीतपुर गांव के निवासी सुनील मरडी अपनी ही जमीन पर टमाटर की खेती करते थे। यह प्राचीन मूर्ति टमाटर के पेड़ को खोदते समय कुदाल के नीचे आई थी। उन्होंने कहा कि मूर्ति बरामद होने पर पुलिस यहां पहुंची। मूर्ति लेने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हम ग्रामीणों ने मूर्ति को दूर नहीं जाने दिया। तभी से यहां इसकी पूजा होती आ रही है। मालदा जिले के पुरातत्वविदों का कहना है कि यह प्रतिमा करीब 400 से 300 साल पुरानी है। उनके अनुसार सेन और पाल काल की यह मूर्ति बंगाल में निर्मित हो सकती है। मालदा जिले के हबीबपुर प्रखंड में पाल युग का बौद्ध मठ है। मूर्ति में भगवन विष्णु के छह अवतारों में दिखाया गया है, इसके कुछ हिसे टूट चुके हैं। यह प्राचीन प्रतिमा अनमोल है और इतिहास की साक्षी है। इसलिए जिला पुरातत्वविद् चाहते हैं कि जिला प्रशासन या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण जल्द से जल्द मूर्ति को बचाए।


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