नई दिल्ली। भारत में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर सस्पेंस पैदा हो गया है। दरअसल, बुधवार को दिन में महाराष्ट्र से खबर आई कि मुंबई में ओमीक्रोन-एक्सई वेरिएंट का पहला मामला रिपोर्ट हुआ है। आज की तारीख में यह कोविड-19 का सबसे तेजी से फैलने वाला स्ट्रेन है। शाम होते-होते देशभर में खबर फैल गई और कोरोना को लेकर कई आशंकाएं पैदा होने लगीं। चर्चा तेज हो चली थी, तभी देर शाम केंद्र सरकार की ओर से बताया जाता है कि अभी XE वेरिएंट का कोई सबूत नहीं मिला है। कोरोना के नए स्ट्रेन पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र के बयानों में विरोधाभास ने लोगों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है।
बीएमसी ने क्या है कहना
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के एक अधिकारी ने बताया कि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से आई 50 साल की महिला में ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट एक्सई के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 10 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से महिला भारत आई थी। 27 फरवरी को वह कोविड टेस्ट में पॉजिटिव आई। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए कस्तूरबा हॉस्पिटल सेंट्रल लेबोरेटरी में सैंपल भेजा गया और वहां नया एक्सई वेरिएंट पाया गया। मार्च में उसके एक्सई वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। महिला में किसी तरह के लक्षण नहीं थे और वह ठीक हो चुकी है। महिला कॉस्ट्यूम डिजाइनर है। अधिकारी ने बताया कि सीरो सर्वेक्षण के दौरान कोरोना वायरस के कप्पा स्वरूप के एक मामले की भी पुष्टि हुई है। जीनोम सिक्वेंसिंग प्रयोगशाला में 11वें बैच के 376 नमूनों के अनुक्रमण में इस परिणाम का पता चला। कप्पा वेरिएंट के मामले मुंबई में पहले भी आए थे। मुंबई से भेजे गए 230 नमूनों में 228 ओमीक्रोन, एक कप्पा और एक XE स्वरूप का था। राहत की बात यह है कि नए स्वरूप से संक्रमित मरीज की हालत गंभीर नहीं थी। कुछ देर बाद ही केंद्रीय एजेंसियों ने इस डायग्नोसिस को गलत ठहरा दिया।
केंद्र की बात भी जान लीजिए
सरकार के सूत्रों की ओर से बताया गया कि जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए गठित सरकारी समूह ‘इंसाकॉग’ उस मामले का विश्लेषण कर रहा है जिसके बारे में बीएमसी के अधिकारियों ने कहा है कि एक महिला एक्सई स्वरूप से संक्रमित हुई थी। वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम (INSACOG) के विशेषज्ञों ने नमूने की ‘फास्टक्यू फाइल’ का विश्लेषण किया है और अनुमान लगाया है कि मुंबई की महिला को संक्रमित करने वाले वायरस की जीनोमिक संरचना एक्सई स्वरूप की जीनोमिक संरचना के अनुरूप नहीं है।’
इस तरह नए वेरिएंट के सवाल पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र आमने सामने आ गए। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि GISAID (global genomic data) ने XE की पुष्टि की है जबकि INSACOG ने एक और राउंड जीनोम सिक्वेंसिंग करने का फैसला किया। यह टेस्ट NIBMG (National Institute of Biomedical Genomics) पश्चिम बंगाल से कराया जाएगा।
डरने की जरुरत नहीं : वैज्ञानिक
दूसरी तरफ इस वाइरस को लेकर WHO की मुख्य वैज्ञानिकडॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है किकोरोना के XE वेरिएंट का भारत में डेल्टा जैसा प्रभाव होने की संभावना नहीं है। भारत में अधिकांश लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है।यह दूसरे वेरिएंट से 10% अधिक संक्रामक है यानी इसके फैलने की दर अधिक है। हम अभी एक्सई वेरिएंट का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा। जिसको वैक्सीन लगी है उसमें शुरुआती कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं।
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