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त्रिशक्ति कोर ने सिलीगुड़ी के पास टीएफएफआर में किया ”कृपाण शक्ति’ अभ्यास, सैनिकों ने अपनी सैन्य क्षमता का किया प्रदर्शन

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सिलीगुड़ी। पूर्वी कमान अंतर्गत सेना के त्रिशक्ति कोर ने उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी के पास तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज (टीएफएफआर) में मंगलवार को एक एकीकृत फायर पावर अभ्यास ‘कृपाण शक्ति’ का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय सेना की क्षमताओं को व्यवस्थित और तालमेल करना था। एक एकीकृत लड़ाई लड़ने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल।
त्रिशक्ति कोर की इकाइयों ने अभ्यास के दौरान कठिन और तेजी से सटीक निशाना लगाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। फायरिंग में बंदूक, मोर्टार, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों, हेलीकॉप्टरों और ‘सेंसर टू शूटर’ अवधारणा को निष्पादित करने के लिए खुफिया निगरानी और टोही प्लेटफार्मों के रोजगार सहित सभी हथियारों और हथियार प्रणालियों का रोजगार और फायरिंग शामिल था।
भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा कृपाण डिवीजन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों द्वारा एक नकली दुश्मन हवाई पर एकीकृत प्रतिक्रिया का निष्पादन संयुक्त तालमेल को उजागर करते हुए अत्यंत व्यावसायिकता के साथ किया गया था। विशेष हेलिबोर्न सैनिकों द्वारा त्वरित कार्रवाई और हेलीकॉप्टरों द्वारा आर्टि गन और उपकरणों की तेजी से तैनाती घड़ी के काम की सटीकता के साथ की गई थी।
इस अभ्यास के दौरान त्रिशक्ति कोर की इकाइयों ने कठिन और तेजी से सटीक निशाना लगाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन के साथ अचानक आतंकी हमले की स्थिति में दुश्मनों से जोरदार तरीके से निपटने की अपनी सैन्य तैयारियों को परखा। पूर्वी सेना कमान मुख्यालय की ओर से एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इसके अनुसार, इस अभ्यास में बंदूकें, मोर्टार, पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों, बोफोर्स तोप, पिनाका मिसाइल से लेकर हेलीकाप्टरों सहित सेंसर टू शूटर अवधारणा को निष्पादित करने के लिए खुफिया निगरानी और टोही प्लेटफार्मों सहित सभी प्रमुख हथियारों व गोला- बारूद एवं हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना के जांबाज सैनिकों व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने इस मौके पर एक माक ड्रिल के दौरान आतंकी हमले होने की स्थिति में एकीकृत प्रतिक्रिया का निष्पादन संयुक्त तालमेल को उजागर करते हुए अत्यंत व्यावसायिकता के साथ किया। इस दौरान विशेष हेलिबोर्न सैनिकों की त्वरित तैनाती और हेलीकाप्टरों द्वारा तोपों और उपकरणों तेजी से तैनाती को सटीकता के साथ किया गया। इस अभ्यास की समाप्ति पर यहां मौजूद बड़ी संख्या में दर्शकों को सेना के विभिन्न अत्याधुनिक हथियारों व साजो सामान को करीब से देखने का भी अवसर मिला। इस अभ्यास की समीक्षा त्रिशक्ति कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच, एवीएसएम ने की। इस अभ्यास को सेना, सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल, स्थानीय नागरिक प्रशासन के साथ-साथ स्कूली बच्चों और एनसीसी कैडेटों के साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने देखा।
अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य किसी भी तरह के आतंकी हमले या दुश्मनों से निपटने को एक एकीकृत लड़ाई लड़ने के लिए भारतीय सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की क्षमताओं को व्यवस्थित और समन्वय स्थापित करना था। बयान के अनुसार, इस प्रकार के अभ्यास से भारतीय सेना, नागरिक प्रशासन और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के बीच तालमेल को और मजबूती मिलने की उम्मीद है ताकि क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और किसी भी बाहरी खतरे के खिलाफ प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में भारतीय सेना की प्रतिबद्धता पर लोगों के विश्वास को मजबूत किया जा सके।


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