बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट का हुआ आगाज, ममता ने किया बंगाल में निवेश का आह्वान, 19 देशों के 250 प्रतिनिधि ले रहे भाग
कोलकाता। दो वर्ष अंतराल के बाद एक बार फिर बंगाल में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ममता बनर्जी सरकार बिजनेस समिट आयोजित कर रही हैं। बुधवार को बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन (बीजीबीएस) के छठे संस्करण का कोलकाता के राजारहाट न्यूटाउन स्थित विश्व बांग्ला कांवेंशन सेंटर में शुभारंभ हुआ। देश-विदेश के कई दिग्गज उद्योगपतियों की मौजूदगी में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोपहर 12 बजे इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। दो दिवसीय इस बिजनेस समिट के जरिए ममता सरकार देश-विदेश के उद्योगपितयों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करने की कोशिश किया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा बंगाल में निवेश कीजिए क्योंकि बंगाल गेट वे है साउथ ईस्ट ऐसिया का, नॉर्थ ईस्ट भारत का। एकता हमारी ताक़त है। बंगाल बटवारा नहीं चाहता है। न ही किसी मामले में पीछे रहता है। आजादी की लड़ाई में बंगाल की क्या भूमिका रही है ये बताने की जरूरत नहीं है। इसी तरह बंगाल के विकास में हम तत्पर है। हमारी सरकार ने लैंड पॉलिसी बनायी है। सब ऑनलाईन है। एक हफ़्ते में लैंड पोजेशन देने की सरल प्रक्रिया है। ईज ऑफ ड़ुइंग बिजनेस पर हमारा फोकस है।
उद्घाटन समारोह में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी समेत उद्योग क्षेत्र के कई दिग्गज एवं राज्य सरकार के कई मंत्रीगण मौजूद रहे।उद्घाटन भाषण राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दिया और उद्योगपतियों से राज्य में निवेश का आग्रह किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने महत्वाकांक्षी परियोजना लक्ष्मी भंडार के नए लाभार्थियों को भी इस योजना से जोड़ने की शुरुआत की। उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान वित्त सलाहाकार और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा, उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी, मुख्य सचिव एचके द्विवेदी भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि इस बिजनेस सम्मेलन में 19 देशों के 250 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। 2015 से ही हर वर्ष यह समिट आयोजित होता रहा है, लेकिन 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते सम्मेलन नहीं हो सका था। इससे पहले मंगलवार की शाम को खुद ममता बनर्जी कांवेंशन सेंटर पहुंचकर तैयारी का जायजा लिया था।
बता दें कि ममता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समिट के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था। परंतु, संभवतः व्यस्त कार्यक्रमों के चलते प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी मंजूरी नहीं दी गई। केंद्र का कोई प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन के उद्घाटन में नहीं दिखे। उद्घाटन समारोह में रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी के भी मौजूद रहने की बात थी लेकिन वह नहीं दिखे। बता दें कि इससे पहले 2019 में भी केंद्र सरकार के कोई भी मंत्री समिट में शामिल नहीं हुए थे। मिली जानकारी के मुताबिक इस साल जापान, फ्रांस, इटली, जर्मनी, ब्रिटेन, बांग्लादेश, केन्या, मलेशिया, नार्वे, आस्ट्रेलिया और फिनलैंड समेत कुल 14 देश पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल हैं।
अदाणी समेत कई दिग्गज उद्योपति ले रहे हिस्सा
अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी के अलावा इस शिखर सम्मेलन मेंं उद्योग क्षेत्र के कई और दिग्गज हिस्सा ले रहे हैं। राज्य के अधिकारियों के अनुसार, हिंदुस्तान यूनिलीवर के एमडी व सीईओ और फिक्की के अध्यक्ष संजीव मेहता, आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला, एसबीआइ के अध्यक्ष दिनेश खारा, महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ व एमडी अनीश शाह, जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल, इंडियन मेटल एंड फेरो एलाय के एमडी एसके पांडा, आइटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी, टीसीजी समूह के चेयरमैन पूर्णेंदु चटर्जी, ग्रेट ईस्टर्न एनर्जी के चेयरमैन और फिक्की के पूर्व अध्यक्ष वाई के मोदी, आरपी-एसजी समूह के चेयरमैन संजीव गोयनका, यूनिवर्सल सक्सेस के चेयरमैन प्रसून मुखर्जी और एडवेंज ग्र्रुप के चेयरमैन सरोज पोद्दार इसमें भाग ले रहे हैं।बंगाल की निवेश क्षमता को दिखाने के लिए इस शिखर सम्मेलन में पहली बार दो व्यापारिक भागीदार के रूप में शीर्ष उद्योग मंडल फिक्की और सीआइआइ एक साथ शामिल है। बीजीबीएस के पहले पांच संस्करणों में केवल फिक्की ही भागीदार था।पता चला है कि राज्य सरकार ने सौ से अधिक निवेश योग्य परियोजनाओं की सूची तैयार की है, जिनमें करीब कई बिलियन डालर के निवेश की संभावनाएं हैं।
इन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस
बीजीबीएस के छठे संस्करण में इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्विसेज, टूरिज्म, इंडस्ट्रीज, एग्र्री एंड एलाइड एक्टिविटीज, इंटरनेशनल ट्रेड और माइनिंग आयल एंड गैस जैसे क्षेत्रों पर फोकस रहेगा। बीजीबीएस के दूसरे एवं आखिरी दिन गुरुवार को इनपर क्षेत्रवार विस्तार से चर्चा होगी। पहले दिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
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