जलपाईगुड़ी झील का संरक्षण और सौंदर्यीकरण को बचाये रखने के लिए एसजेडीए के सदस्य ने की हस्तक्षेप की मांग
जलपाईगुड़ी। जलपाईगुड़ी झील के संरक्षण, संवर्धन और सौन्दर्यीकरण बनाये रखने को लेकर एसजेडीए के सदस्य डीजे दुलाल देबनाथ आगे आये हैं, उन्होंने झील के सौंदर्यीकरण को बचाये रखने के लिए नगरपालिका की अध्यक्ष पापिया पाल से हस्तक्षेप करने की अपील की।
जलपाईगुड़ी राजबाड़ी और उससे सटे दीघी तट पर शिव मंदिर, मनसा मंदिर के पास स्थित झील सिर्फ जलपाईगुड़ी शहर की ही नहीं बल्कि पूरे जिले की विरासत है। प्राचीन बैकुंठपुर सम्पदा के ऐतिहासिक वैभव से समृद्ध यह झील आसपास का क्षेत्रों, उत्तर बंगाल के साथ राजवंशी समुदाय लोगों के ख़ुशी से जुड़ा है।
एसजेडीए के सदस्य डीजे दुलाल देबनाथ ने भी संपन्न नागरिक समाज से अपील करते हुए कहा है कि ” मुख्यमंत्री से प्रेरित होकर राज्य के सभी ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने के निर्णय के तहत उनकी देखरेख में झील का संरक्षण और सौंदर्यीकरण किया गया है। लेकिन कुछ असभ्य नागरिक वन्यजीव कानून और संरक्षित क्षेत्र के नियमों का उल्लंघन कर “माछ शिकार कमिटी(मछुआरों का संगठन)” , “दिघी बचाओ कमिटी” के नाम पर अनैतिक और अवैध रूप से मछली पकड़ रहे हैं। मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं और मैं इस अवैध मछली पकड़ने को रोकने और झील की विरासत को संरक्षित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। मैं अध्यक्ष सौरव चक्रवर्ती और नगर पालिका के अध्यक्ष पापिया पाल का ध्यान इसकी तरफ आकर्षित कर रहा हूं और इस मामले में उनके सीधे हस्तक्षेप की मांग कर रहा हूं।”
Comments are closed.