जोधपुर। आज तक आपने यह तो सुना देखा होगा कि इंसानों के नाम लाखों करोड़ों रुपये की संपति है, लेकिन कोई यह कहे के पक्षी यानि कबूतर भी करोड़ो की संपत्ति या नकदी है तो थोड़ा अजीब लगेगा या यूं कहें यकीन नहीं होगा, लेकिन यह हकीकत है. जोधपुर जिले के आसोप कस्बे के कबूतर करोड़पति है। इस कबूतरों के पास साढ़े तीन सौ से अधिक बीघा जमीन है, तो बैंक खाते में भी लाखों की नकदी है।
यह भी दिखने में भले ही आम कबूतर ही है, लेकिन जब आप सुनेंगे तो एकबारगी यकीन नहीं होगा। जोधपुर के आसोप कस्बे के कबूतर हैं, जो करोड़पति है। इन कबूतरों के नाम करीब साढ़े तीन सौ बीघा जमीन है, जिसकी अनुमानित कीमत 20 करोड़ से अधिक है। यही नहीं कस्बे में इनके नाम दुकाने भी हैं। ऐसे में इस जमीन और दुकानों ने इन कबूतरों को प्रति माह लाखों की आमदनी भी होती है। इसका लेखाजोखा रखने के लिए गांव में ना केवल रजिस्टर्ड ट्रस्ट बनाया हुआ है, बल्कि कमेटी भी बनी हुई है। ऐसे में कह सकते है कि यह करोड़ पति कबूतर संभवतया देश में सबसे ज्यादा अमीर पैसे वाले यानि करोड़पति कबूतर है।
यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है कि किसी ने इनके नाम करोड़ो की संपत्ति कर दी, बल्कि आसोप गांव के भामाशाहों ने कबूतरों के नाम जमीन दान की। रियासतकाल में कुछ धर्मप्रेमी लोगों ने इन कबूतरों के नाम अपनी संपत्ति दान कर दी, ताकि इन मूक पक्षियों को दाने पाने की कोई कमी नहीं हो। इसी सोच के गांव के लोगों ने एक परंपरा के रूप में आगे बढ़ाया।
इसके बाद इस संपति की सार संभाल के लिए बाकायदा एक ट्रस्ट बनाया. इसके बाद इस जमीन से आने वाली आमदनी, दुकानों मकान से मिलने वाला किराया को जमा करना शुरू किया। इसके बाद जो राशि आने लगी उसे बैंक खाते में जमा करवाया। यह खाता भी कबूतरों के नाम से है। इसके लिए बाकायदा पैन कार्ड भी बनाया गया। यही नहीं यह राशि लगातार बढ़ रही है. आज खाते में कबूतरों के पास करीब 30 लाख से ज्यादा की नकदी जमा है।
वैसे तो देश मे यह संभवतया पहला ऐसा मामला है कि कबूतर भी करोड़पति है। करोड़पति होने के साथ ही यह कबूतर भी दान और जरूरतमंद की मदद के लिए पीछे नहीं रहते, अकाल में गायों के लिए चारे-पानी की व्यवस्था इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। ऐसे में कबूतरों के करोड़पति होने के साथ यह कबूतर समाज को एक मेसेज भी दे रहे हैं।
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