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पुराने मंदिरों के इतिहास की तलाश में निकले तृणमूल कांग्रेस के तीन पूर्व जिलाध्यक्ष

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कूचबिहार। कूचबिहार जिले के तृणमूल कांग्रेस के तीन पूर्व जिलाध्यक्ष पुराने मंदिरों के इतिहास तलाश में निकले पड़े है। इसका उद्देश्य कूचबिहार जिले के विभिन्न पुराने मंदिरों के इतिहास का अध्ययन करने के बाद इन मंदिरों का पुनरुद्धार करना है। इसलिए ये तीनों दिग्गज नेता मंदिरों की तलाश में निकल पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर उनके कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक अटकलें भी शुरू हो गई।
बताते चले कूचबिहार जिला तृणमूल कांग्रेस इस समय बड़े पैमाने पर गुटबाजी में उलझी हुई है। हाल ही में कूचबिहार जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पार्थ प्रतिम रॉय और कूचबिहार जिले के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष गिरिंद्रनाथ बर्मन का सामूहिक झगड़ा चरम स्थिति पर पहुंच गया है। आरोप है कि जिलाध्यक्ष अध्यक्ष को महत्व नहीं दे रहे हैं। गिरिंद्रनाथ बर्मन एक से अधिक बार जिलाध्यक्ष के खिलाफ खुलकर बोल चुके हैं। गिरिंद्रनाथ बर्मन के नेतृत्व में कूचबिहार जिले के दो साल पुराने नेता रवींद्रनाथ घोष और विनय कृष्ण बर्मन पुराने मंदिरों की तलाश में निकल पड़े हैं। आज तीनों पूर्व जिलाध्यक्षों ने कूचबिहार के बनेश्वर मंदिर में एक साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने कुछ समय मंदिर परिसर में बैठकर बिताया। हालांकि गिरिंद्र नाथ बर्मन, रवींद्रनाथ घोष, विनय कृष्ण बर्मन ने अपने कार्यक्रम को अराजनीतिक कार्यक्रम बताया, लेकिन विपक्ष भी इस कार्यक्रम में राजनीति ढूंढ रहा है। विपक्षी समूहों ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व जिलाध्यक्षों के बहिष्कार का आह्वान किया। इसलिए ये तीनों पूर्व जिलाध्यक्ष अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए एक साथ आए हैं।


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