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आज दिल्ली जायेंगी सीएम ममता, कल राष्ट्रीय सम्मेलन में होंगी शामिल, पीएम मोदी से मुलाक़ात संभावित

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कोलकाता । केंद्र के साथ विभिन्न मुद्दों पर तकरार के बीच सीएम ममता बनर्जी आज शुक्रवार काे दिल्ली जायेंगी। कल शनिवार 30 अप्रैल को आयोजित होनी वाले समस्त मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में ममता बनर्जी हिस्सा लेंगी। इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। यह सम्मेलन 6 सालों बाद होने जा रहा है। इस बैठक में पीएम से ममता बनर्जी की आमने सामने मुलाकात के अवसर मिल सकते हैं लेकिन अलग से सीएम की बातचीत करने की संभावना कम है। अलग से पीएम से मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा गया है।
गुरुवार को नवान्न में संवाददाता सम्मेलन में सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वे शनिवार रात को विमान से कोलकाता लौट आयेंगी। इसी तरह से विमान का टिकट उनका कटा हुआ है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि आखिर सीएम का दिल्ली सफर संक्षिप्त क्यों है। हर बार की तरह इस बार विस्तार से कार्यक्रमों की अभी तक कोई बात सामने नहीं आयी है। इस दिन मीडिया द्वारा सीएम से पूछा गया कि क्या उन्होंने पीएम से अलग से मिलने के लिए समय लिया है, इसके जवाब में सीएम ने कहा, नहीं इस बार मैंने कोई अप्यॉमेंट नहीं लिया है, इसका कारण है कि मेरा एयरइंडिया का टिकट कटा हुआ है। उसी दिन शाम को लौटूंगी। अगले दिन 1 मई मजदूर दिवस है। उन्हें शुभकामनाएं देने से लेकर और कई काम हैं। इसके अलावा अक्षय तृतीया है, उसी दौरान ईद भी है। उस दिन मैं रेड रोड में प्रार्थना में शामिल रहूंगी। इसके अलावा कई कार्यक्रम हैं।
अल्पसंख्यक हैं आबादी का बड़ा हिस्सा
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि वह मई दिवस कार्यक्रमों में शरीक होंगी और दो या तीन मई को रेड रोड पर ईद की नमाज में शरीक होंगी, हालांकि यह (ईद का) चांद नजर आने पर निर्भर करेग।उन्होंने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से इन कार्यक्रमों में शामिल होती आई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए 30 अप्रैल का दिन बहुत अहम होगा, अल्पसंख्यक, बंगाल की आबादी का 33 प्रतिशत हिस्सा हैं और मैं हर साल रेड रोड नमाज में शामिल होती हूं। मुझे इस साल भी शरीक होना होगा. और इसके बाद अक्षय तृतीया है. मैं सभी त्योहारों के कार्यक्रमों में शामिल होती हूं। ’’
पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना था लक्ष्य
अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, देश भर की अदालतों में लंबित मामलों के विषय पर होने वाले सम्मेलन में आमंत्रित किये गये हैं। इस बीच, ममता ने आरोप लगाया कि बुधवार को बुलाई गई प्रधानमंत्री की बैठक का एजेंडा कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करना नहीं था, जैसा कि घोषणा की गई थी, बल्कि पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराना था।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ईंधन की कीमतें घटाने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहती है. साथ ही, उन्होंने आशंका जताई कि मोदी सरकार जल्द ही कीमतें बढ़ा देगी. ममता ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत फौरन 300 रुपये घटाने की केंद्र सरकार से मांग की।
जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ना था लक्ष्य
ममता ने बुधवार की बैठक का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कल कोविड से जुड़ा कोई एजेंडा नहीं था. असली एजेंडा (ईंधन की अधिक कीमतों के लिए) राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराना था। आने वाले दिनों में, वे पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. यही कारण है कि वे जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। ’’
उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम से कम 14 गुना बढ़ा दी हैं और ऊंची कीमतों के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ केंद्र को पत्र लिखेंगी, ममता ने कहा, ‘‘क्या मतलब है? वे पत्रों का जवाब नहीं देते।’’


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