Universe TV
हर खबर पर पैनी नजर

पैंगोलिन का मांस खाकर खाल बेचने की साजिश, दो गिरफ्तार

- Sponsored -

- Sponsored -


सिलीगुड़ी। पैंगोलिन का मांस खाकर उसकी खाल बेचने की कोशिश दो तस्कर कर रहे थे, लेकिन इससे पहले ही वन विभाग के जाल में फंस गए।  बैकुंठपुर वन विभाग ने पैंगोलिन की चमड़े के साथ दो तस्करों को गुरुवार रात एक होटल के सामने से गिरफ्तार किया है।  गिरफ्तार तस्करों के नाम पालदेन लेप्चा (28) और (50) दिलीप कुमार राई हैं।  दोनों कालिम्पोंग के निवासी है.
बेलाकोवा रेंज के रेंजर संजय दत्त ने बताया कि गुप्त सुचना के आधार पर उदलाबाड़ी स्थित एक होटल के सामने अभियान चलाया गया और इस दौरान संदिग्ध लोगों की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान दोनों के पास से पैंगोलिन की चमड़े और शल्क बरामद हुआ। तस्करों के पास से 90 सेंटीमीटर लंबा एक पैंगोलिन का चमड़ा बरामद हुआ है।  पूछताछ चला है कि वे पैंगोलिन को कलिम्पोंग एक जंगल में मारा था।  इसके बाद चमड़े और शल्क को नेपाल में 35 लाख रुपये में बेचने की योजना थी।
आरोपियों से पूछताछ के बाद बताया गया कि उन्होंने  कालिम्पोंग के जंगल से पैंगोलिन का शिकार किया। फिर उन्होंने पैंगोलिन का मांस खाकर उसकी चमड़ी की तस्करी करने का इरादा किया।
आपको बता दें कि पैंगोलिन की दुनिया में सबसे अधिक अवैध तस्‍करी होती है। इसके मांस को जहां चीन और वियतनाम समेत कुछ दूसरे देशों में बेहद बड़े ही शौक के साथ खाया जाता है वहीं इसका उपयोग दवाओं के निर्माण में भी होता है। खासतौर पर चीन की पारंपरिक दवाओं के निर्माण में इसका इस्‍तेमाल बड़ी तादाद में होता है।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर के मुताबिक दुनियाभर के वन्‍य जीवों की अवैध तस्‍करी में अकेले 20 फीसद का योगदान पैंगोलिन का ही है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि चीन और वियतनाम में इसका मांस खाना अमीर होने की निशानी माना जाता है।
चीन में कई जानवरों का मांस बाजार में बिकता है। कोरोना से लड़ रहे चीन में बीते दिनों एक खबर ये भी आई थी इस वायरस के तेजी से फैलने के पीछे चमगादड़ है। चमगादड़ों का मांस भी वहां पर खाया जाता है। कुछ वैज्ञानिको का मानना है कि कोरोना वायरस के फैलने के पीछे पैंगोलिन के मांस का सेवन है।


- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.