नई दिल्ली। एलआईसी (LIC) का शेयर आज डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ। बीएसई पर यह 867.20 रुपये यानी 8.62 फीसदी डिस्काउंट के साथ पर लिस्ट हुआ। इसका इश्यू प्राइस 949 रुपये था। कुछ ही मिनटों में निवेशकों को 42,500 करोड़ रुपये का झटका लग गया। इश्यू प्राइस पर कंपनी का मार्केट कैप छह लाख करोड़ रुपये से ऊपर था लेकिन कमजोर लिस्टिंग के कारण इसमें 42,500 करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई। आईपीओ में रिटेल निवेशकों को हर शेयर पर 45 रुपये और पॉलिसीहोल्डर्स को 60 रुपये की छूट मिली थी। इस हिसाब से पॉलिसीहोल्डर्स को 22 रुपये और कर्मचारियों को 37 रुपये का नुकसान हुआ।
लिस्टिंग के बाद एलआईसी देश की पांचवीं सबसे मूल्यवान बन गई है। लिस्ंटिग प्राइस पर इसका मार्केट कैप 5.71 लाख करोड़ रुपये है। मुकेश अंबानीके अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 16.42 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ देश की सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसके बाद टाटा ग्रुप की टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस का नंबर आता है।
आगे बढ़ सकती है कीमत
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेमांग जानी ने कहा कि एलआईसी की लिस्टिंग इश्यू प्राइस से कम पर हुई। लेकिन आकर्षक वैल्यूशन और बाजार में स्थिरता को देखते हुए रिटेल और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर इसमें दिलचस्पी दिखा सकते हैं। चूंकि एलआईसी की लिस्टिंग के बाद काफी पैसा रिलीज हुआ है। इसका कुछ हिस्सा इक्विटी मार्केट्स में आ सकता है।
1000 रुपये तक जा सकती है कीमत
इस बीच विदेशी ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने एलआईसी की कवरेज शुरू कर दी है। उसके 1000 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ इसे न्यूट्रल रेटिंग दी है। उसका कहना है कि जो भी निवेशक एलआईसी में निवेश करना चाहता है वह अप्रत्यक्ष रूप से इक्विटी मार्केट्स में निवेश कर रहा है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में विविधता का अभाव है, इस कारण उसका मार्केट शेयर गिरा है। कंपनी का जोर सिंगल प्रीमियम और ग्रुप बिजनस पर है। मैक्वेरी ने एलआईसी का टारगेट प्राइस 1,000 रुपये रखा है जो उसे इश्यू प्राइस से 5.37 फीसदी अधिक है।
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