नैरोबी फ्लाई के प्रकोप से दहशत में है उत्तर बंगालवासी, कैसे बचें और संक्रमित होने के बाद क्या करें ? जाने चिकित्सक का परामर्श
सिलीगुड़ी। नैरोबी फ्लाई यानि एसिड फ्लाई देश के कई हिस्सों के साथ सिलीगुड़ी में भी इन दिनों कहर बरपा रही है। इस मक्खी के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं या हो रहे है। इसको लेकर एक तरह से दहशत का माहौल बना हुआ है। सिर्फ सिलीगुड़ी ही नहीं मक्खी से उत्तर बंगाल के विभिन्न हिस्सों और सिक्किम में सैकड़ों लोग संक्रमित है। पूर्वी सिक्किम के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के करीब 100 छात्रों को नैरोबी मक्खियों के संपर्क में आने से गंभीर त्वचा संक्रमण का सामना करना पड़ा है। दरअसल यह मक्खी काफी जहरीली है और जिस जगह पर यह बैठती है वो जगह भी जहरीली हो जाती है। जहां यह बैठती है उस स्थान पर जलन शुरू हो जाता है। त्वचा लाल हो जाता है और खुजली शुरू हो जाती है। इसके अलावा दर्द होने के साथ ही सिर दर्द, बुखार तथा उल्टी की शिकायत के मामले भी सामने आ रहे है।
जानकारों के मुताबकि यह मक्खी 7000 किलोमीटर दूर पूर्वी अफ्रीका की यह जहरीली मक्खी सिक्किम के रास्ते उत्तर बंगाल में प्रवेश कर चुकी है और इसके फैलने की रफ्तार बहुत तेज है। सिलीगुड़ी के बिलकुल नजदीक बिहार के किशनगंज जिले में भी इसका बड़ा हमला शुरू हो गया है।
मक्खियों के आक्रमण के बीच सवाल उठता है किस प्रकार से इनसे बचा जाएं। यदि कोई संक्रमित होता है तो क्या करें ?
इस संबंध में विशेषज्ञ डॉ अमित अग्रवाल से बताया कि ऐसे ये मक्खियां ना तो डंक मारती हैं और न ही काटती हैं। लेकिन उनके अंदर से अम्लीय पदार्थ यानि केमिकल छोड़ती है, इस केमिकल से त्वचा को नुकसान होता हैं। जहां ये बैठती हैं उसके आसपास की त्वचा लाल हो जाती है और जलन की समस्या होती है। उन्होंने ने बताया कि जिस प्रकार से डेंगू के बचाव के उपाय किये जाते है, उसी प्रकार का उपाय नैरोबी मधुमखियों से बचने के लिए करना चाहिए। घर और आसपास के माहौल को साफ रखें। घर में मच्छरदानी का प्रयोग करें। लंबी आस्तीन वाले कपड़ों का उपयोग करें और रात में रोशनी के नीचे बैठने से बचें। यदि कोई मक्खी आपकी त्वचा पर बैठे तो उसे उड़ा देना चाहिए। उसे मसलना या मारना नहीं चाहिए। सूर्यास्त के एक घटे पहले खिड़किया बंद कर दें, क्योंकि यही वह समय है जब मक्खिया घर में प्रवेश करती हैं। मच्छर नाशक स्प्रे का उपयोग बाथरूम क्षेत्र, नम और छायादार स्थानों पर करना चाहिए। जहां मक्खी बैठे उस क्षेत्र को साबुन और पानी से धोना चाहिए।
यदि कोई संक्रमित हो जाता है, तो अच्छी तरह से त्वचा को साफ करें और डॉक्टर्स को दिखाए। खुद अपनी मर्जी से किसी क्रीम या दवाई नहीं खाये। बरसात के मौसम में कई कारणों से त्वचा में इंफेक्शन हो जाता है, जरूरी नहीं है कि नैरोबी फ्लाई के कारण ही हुआ हो, इसलिए चिकित्सक का सलाह लेना जरुरी है, ताकि सही इलाज हो सके। उन्होंने ने कहा कि नैरोबी फ्लाई से डरने या दहशत होने की जरुरत नहीं है, जरुरत है कि सतर्क रहने की जरुरत है।
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