कूचबिहार। नैरोबी मक्खियां न तो काटती हैं न ही डंक मारती हैं। इंसानी त्वचा पर बैठने भर से इनमें मौजूद अम्लीय पदार्थ त्वचा पर आ जाता है., जिसके कारण जलन और संक्रमण की स्थिति हो सकती है। मक्खियों के त्वचा से संपर्क में आने के 24 से 48 घंटे में ही त्वचा पर पीले रंग के तरल पदार्थ से भरे फफोले भी हो जाते हैं। कूचबिहार में 70 वर्षीय व्यक्ति नैरोबी फ्लाई के चपेट में आ गया। यह घटना तूफानगंज-1 प्रखंड के ढालपाल-1 ग्राम पंचायत के भांटी नदी क्षेत्र की है। 70 वर्षीय दीपक दास ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें ऐसा लगा कि अज्ञात कीट ने काट लिया ह। , जिसके बाद उनकी आंखें और चेहरा सूज गया था। उसके बाद, स्थानीय डॉक्टर उसके पास पहुंचे और दावा किया कि यह चिकन पॉक्स था। परन्तु उन्हें बाद में पता चला कि यह चिकन पॉक्स नहीं है। मामला सामने आते ही पूरे ढालपाल-1 ग्राम पंचायत के नदी तट क्षेत्र में दहशत फैल गई| तुफानगंज अस्पताल के जाने-माने डॉक्टर शरीफ मलिक ने कहा किनैरोबी फ्लाई से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इन एसिड कीड़ों से खुद को बचाने के लिए आपको घर को साफ सुथरा रखने की जरूरत है और रात को सोते समय हर समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
Comments are closed.