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मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा, सभापति ने 19 सांसदों को किया सस्पेंड

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नई दिल्ली, 26 जुलाई: संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी और जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। दरअसल मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल सदन में लगातार हंगामा कर रहे थे। जिसके बाद सभापति ने तृणमूल सांसद सुष्मिता देव, डॉ शांतनु सेन और डोला सेन सहित 19 राज्यसभा सांसदों को सदन के वेल में प्रवेश करने और नारेबाजी करने के लिए कदाचार के लिए सप्ताह के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया।
जब से मानसून सत्र शुरू हुआ है तब से संसद में विपक्ष लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सरकार का आरोप है कि विपक्ष संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है। वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार महंगाई, बेरोजगारी, जीएसटी जैसे मुद्दों पर चर्चा नहीं करवा रही है। इसके विरोध में मंगलवार को कई राज्यसभा सांसद सदन के वेल में प्रवेश कर गए और नारेबाजी करने लगे। जिसके बाद राज्यसभा के सभापति ने उन्हें निलंबित कर दिया।
राज्यसभा में हंगामे को लेकर विपक्षी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उपसभापति ने 19 सांसदों को सप्ताह के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया। इन सांसदों में तृणमूल सांसद सुष्मिता देव, डॉ शांतनु सेन और डोला सेन, शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एए रहीम, एल यादव और वी वी. शिवादासन, अबीर रंजन विश्वास, नदीमुल हक शामिल हैं। सांसदों पर यह कार्रवाई उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा की गई है।
19 विपक्षी राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि, मोदी और शाह ने लोकतंत्र को निलंबित कर दिया है ,  आप सांसदों के बारे में क्या बात कर रहे हैं? हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ उप सभापति ने नियम 256 के तहत कार्रवाई की है। इससे पहले सोमवार को कांग्रेस के चार लोकसभा सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया था। सोमवार को लोकसभा में जिन विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की गई थी उनमें मणिक्कम टेगोर, टीएम प्रतापन, ज्योतिमणी, रम्या हरिदास शामिल हैं। इन चारों सांसदों को इस पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।


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