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अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर में भी मिला कुबेर का खजाना, 30 करोड़ कैश, 5 किलो सोना मिला, भारी मात्रा में गहने और सिक्के भी बराम

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अर्पिता मुखर्जी के एक और फ्लैट से बुधवार को भारी मात्रा में नकदी मिली। इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से नकदी मिली है जिसकी मालकिन अर्पिता मुखर्जी हैं। इस फ्लैट पर ईडी को छापे के दौरान जो रकम मिली वो इतनी ज्यादा थी कि गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ गई। इसमें 4 मशीनें लगाकर नोटों की गिनती पूरी की गई। इस बार लगभग 30 करोड़ रुपए बरामद किए गए हैं। जानकारी मिल रही है कि फ्लैट की हर अलमारी में नोटों के बंडल बनाकर ठूंसा हुआ था। वहीं क्लब टाउन हाइट्स के फ्लैट से 5 किलोग्राम सोने के गहने और चांदी के सिक्के भी मिले हैं। 18 घंटे चली रेड के बाद ईडी के अधिकारी अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया आवास से निकल चुके हैं। यहां से ईडी 10 बक्सों में बरामद चीजें भरने के बाद ट्रक से लेकर गई।
इससे पहले ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को उनके दक्षिण कोलकाता स्थित फ्लैट से 21 करोड़ रुपये की नकदी मिलने के एक दिन बाद 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था, यानि अर्पिता के पास से अब तक लगभग 50 करोड़ रुपए बरामद हो चुके हैं। ईडी के एक जांच अधिकारी ने कहा कि बेलघरिया के रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट को ताला तोड़कर खोला गया क्योंकि उनकी चाबी नहीं मिली। बता दें अर्पिता मुखर्जी को राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी का करीबी माना जाता है, जिन्हें एजेंसी ने इसी मामले में गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में अर्पिता ने दी थी जानकारी
ईडी अधिकारी ने बताया कि हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है। हमने रुपयों की गिनती के लिए तीन मशीनें मंगवाई थीं, ताकि पता चले कि वास्तव में कितनी राशि है।उन्होंने बताया कि फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि अर्पिता मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आसपास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी।मंत्री और मुखर्जी से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अर्पिता मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का रवैया ठीक नहीं है.
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच
बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की अनुशंसा पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ग और घ वर्ग के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है। वहीं, ईडी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षामंत्री थे।


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