अगले हफ्ते सोनिया से मिलेंगी ममता : बिखरे विपक्ष को एकजुट करने की पहल; ईडी और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के मामले पर होगी चर्चा
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में आई दरार और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से परेशान विपक्ष एक बार फिर एकजुट होने की कोशिश में है। इसकी पहल पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी करेंगी। वे 5 दिन के लिए दिल्ली जा रही हैं। उनकी पहल पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केसीआर, सपा नेता अखिलेश यादव, आप नेता अरविंद केजरीवाल और डीएमके नेता एमके स्टालिन एक मंच पर आ सकते हैं। इन दलों के लोकसभा में लगभग 125 सांसद हैं।
ममता बुधवार को दिल्ली में टीएमसी के सांसदों से मिलेंगी। अगले दिन अन्य दलों के नेताओं से मिलेंगी। शुक्रवार को उनकी सोनिया से मुलाकात होनी है। शनिवार को ममता तेलंगाना, तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब के मुख्यमंत्रियों से मिलेंगी।
इसी दिन एक लिस्ट भी सार्वजनिक करेंगी। सूत्रों का कहना है कि यह सूची उन नेताओं की होगी, जिनके भाजपा में शामिल होने या अप्रत्यक्ष मदद के लिए राजी होने के बाद उनके खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई थम गई। वहीं, टीएमसी सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक घोटाले में करीबी मंत्री और टीएमसी संस्थापक सदस्य पार्थ चटर्जी के करीबी के यहां ईडी के छापे में बरामद रकम से ममता बैकफुट पर थीं।
सरकार पर आक्रामक हुईं ममता
राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्षी एकता में दरार दिखी थी, उसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि ममता विपक्षी एकता का नेतृत्व करने से खुद को दूर करने लगी हैं और मोदी सरकार को लेकर उनका रुख नरम होने जा रहा है, लेकिन इसके बजाय उल्टा हुआ। ईडी की कार्रवाई के बाद ममता ने पार्थ को मंत्री पद से हटाया और आक्रामक रहने का फैसला किया। दूसरी ओर, नीति आयोग की रविवार को बैठक है। इसमें ममता पहली बार शामिल होंगी।
गतिरोध टूटने के आसार: महंगाई पर चर्चा के लिए सरकार राजी
संसद के मौजूदा मानसून सत्र के शुरुआती दो हफ्ते हंगामे में बीते हैं। भास्कर को मिली जानकारी के अनुसार गतिरोध तोड़ने के लिए सरकार महंगाई और जीएसटी के मुद्दे पर बहस कराने के लिए राजी हो गई है। इस सहमति पर पहुंचने के लिए दिनभर में अनौपचारिक मुलाकातों का दौर चला। सत्ताधारी राजग की ओर से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अहम भूमिका निभाई।
कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश सक्रिय रहे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता खुड़गे ने अपने चैंबर में दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक की। इसी के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष ने रुख नरम करने का संकेत दिया। माना जा रहा है कि सोमवार को लोकसभा में महंगाई पर चर्चा हाेगी। फिर मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। वैसे भी संसद के सुचारू रूप से संचालित होने के हालात भी पैदा हो चुके हैं। राज्यसभा से इस सप्ताह के शुरुआती 3 दिनों में 27 सदस्यों के निलंबन की अवधि पूरी हो गई है।
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