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सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का आखिरी दिन : ओपन कोर्ट में रोने लगे सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे, सीजेआई रमना से कहा- आप जनता के जज हैं

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना शुक्रवार को रिटायर हो गए। अपने कार्यकाल के आखिरी दो दिनों में उन्होंने कई अहम मामलों की सुनवाई की। सेरेमोनियल बेंच में विदाई देते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा आपके रिटायरमेंट से हम एक बुद्धिजीवी और एक उत्कृष्ट न्यायाधीश को खो रहे हैं। वहीं सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे कोर्ट रूम में ही रोने लगे। उन्होंने कहा- आप जनता के जज हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी सीजेआई की सेरेमोनियल बेंच की लाइव स्ट्रीमिंग हुई। जिसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर वेबकास्ट किया गया।
आखिरी दो दिन में इन मामलों की सुनवाई
कर्नाटक कोल माइनिंग- कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुरु जिलों में खनन फर्मों के लिए आयरन ओर की माइनिंग लिमिट बढ़ाई।
मुफ्त चुनावी घोषणाएं- फ्रीबीज मामले को 3 जजों की बेंच को रेफर किया। गोरखपुर दंगा केस- 2007 के हेट स्पीच केस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। दिवालिया कानून- सीमा शुल्क अधिनियम पर दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) लागू होगी। सीमा शुल्क प्राधिकरण केवल शुल्क और लेवी की मात्रा निर्धारित कर सकता है लेकिन वसूली की कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता है। पेगासस- कमेटी को 5 फोन में मालवेयर मिला, लेकिन वह पेगासस था, ये स्पष्ट नहीं। कमेटी ने कहा सरकार ने मदद नहीं की। अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में होगी। बिलकिस बानो- गुजरात सरकार को नोटिस दिया है, 11 दोषियों को पार्टी बनाने के लिए कहा है। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद सितंबर में होगी। पीएमएलए- रिव्यू पिटीशन पर केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। साथ ही कहा यह कानून बहुत अहम है, और सिर्फ 2 पहलू दोबारा विचार लायक हैं। एक ECIR (ED की तरफ से दर्ज FIR) की रिपोर्ट आरोपी को न देने का प्रावधान और दूसरा खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर होने का प्रावधान। PM मोदी सिक्योरिटी ब्रीच- PM मोदी की सिक्योरिटी ब्रीच केस की जांच के बनी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फिरोजपुर में SSP कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी निभाने में फेल रहे।
रजिस्ट्री की प्रोसेस से थे नाराज, विदाई भाषण में भी बोले
एनवी रमना कोर्ट की 16 बेंच में सुनवाई के लिए मास्टर ऑफ रोस्टर केस डिस्ट्रीब्यूट करते रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों मुकदमों की लिस्टिंग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के आगे बेबस नजर आए थे। दरअसल 17 अगस्त को सुनवाई के लिए लिस्टेड एक केस को रजिस्ट्री ने हटा लिया था। सीजेआई रमना बेहद नाराज हो गए थे। उन्होंने कहा था कि वे इस मुद्दे पर 26 अगस्त को अपने विदाई भाषण में बोलेंगे।
हालांकि उन्होंने विदाई भाषण के दौरान इतना कहा कि पेंडेंसी का मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती है और मैं मानता हूं कि लिस्टिंग एक ऐसा एरिया है जहां मैं ज्यादा ध्यान नहीं दे सका। इसके लिए मुझे खेद है। सिस्टम में सुधार करने का एकमात्र तरीका है आधुनिक तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को तैनात करना। लेकिन कमर्शियल ऑर्गनाइजेशन के उलट हम मार्केट से इन्हें नहीं खरीद सकते।
2018 से होनी थी लाइव स्ट्रीमिंग, लेकिन कोर्ट ने इसे इस्तेमाल नहीं किया
इसके पहले 26 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट की 3-जजों की बेंच ने यौन अपराधों और वैवाहिक विवादों से जुड़े मामलों को छोड़कर सुनवाई की लाइव-स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे व्यवहार में नहीं अपनाया। कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा जैसे देश के कई हाईकोर्ट अपने संबंधित आधिकारिक यूट्यूब पर सुनवाई का सीधा प्रसारण कर रहे हैं।
यूयू ललित होंगे अगले सीजेआई
सीजेआई रमना के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें सीजेआई होंगे। जस्टिस ललित 27 अगस्त को सीजेआईके रूप में शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस ललित महज 74 दिनों के लिए ही सीजेआई बनेंगे, क्योंकि 8 नवंबर को वे रिटायर हो जाएंगे। जस्टिस ललित ‘तीन तलाक’ की प्रथा को अवैध ठहराने समेत कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।


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