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देश में गणेशोत्सव की धूम, जानिए गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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सिलीगुड़ी। आज से गणेश उत्सव शुरू हो गया है। मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर विध्नहर्ता और मंगलमूर्ति भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसी कारण से सभी चतुर्थी में इसका विशेष स्थान है। आज से घर-घर और बड़े-बड़े पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करके उनकी विधिवत पूजा-अर्चना शुरू होगी। गणेशोत्सव 10 दिनों तक चलेगा।
भगवान गणेश को दूर्वा क्यों करते हैं अर्पित
भगवान गणेश को दूर्वा बहुत ही प्रिय होती है। दूर्वा एक घास होती है जो हर जगह आसानी के साथ मिल जाती है। इसे दूब भी कहा जाता है। दरअसल भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करने के पीछे एक कथा है। अनलासुर राक्षस से सभी देवी-देवता परेशान हो गए थे। तब भगवान गणेश ने सभी देवी-देवताओं और मुनियों की रक्षा के लिए इस अनलासुर को निगल लिया था। राक्षस को निगल लेने की वजह से उनके पेट में बहुत ही जलन होने लगी। तब उनकी जलन को शांत करने के लिए मुनि कश्यप ने उन्हें खाने के लिए दू्र्वा की गांठे दी। दूर्वा खाते ही फौरन भगवान गणेश के पेट की जलन समाप्त हो गई। तभी से भगवान गणपति की पूजा में दूर्वा चढ़ाई जाती है।
गणेश स्थापना शुभ मुहू्र्त
पहला मुहूर्त: प्रात: 6:05 से 9:27 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: प्रातः 10:30 से दोपहर 2:00 बजे तक
तृतीय मुहूर्त: दोपहर 3:30 से सायं 5 बजे तक
चतुर्थ मुहूर्त: सायं 6:00 से सेन 7:00 बजे तक
मध्याह्न काल मुहूर्त: प्रातः 11:20 से दोपहर 1:20 तक
अच्छा मुहूर्त- सुबह 11.20 से दोपहर 1.20 तक
भगवान गणेश की लंबी सूंड का संदेश
सभी देवी-देवताओं में गणेशजी को बहुत अधिक कुशाग्र बुद्धि वाला माना गया है। गजाननजी की लम्बी सूंड महाबुद्धित्व का प्रतीक है लम्बी सूंड तीव्र सूंधने की क्षमता होती है। जिसका अर्थ है कि जो समझदार व्यक्ति है वह अपने आसपास के माहौल को पहले से ही सूंघ सकता है। गणेश जी की सूंड हमेशा हिलती-डुलती रहती है, जिसका तात्पर्य है कि मनुष्य को हमेशा सचेत रहना चाहिए।

भगवान गणेश से जुड़ी हैं कई मान्यताएं
किसी भी शुभ कार्य जैसे धार्मिक और मांगलिक अनुष्ठान करने से पहले सबसे भगवान गणेश की पूजा अवश्य की जाती है। भगवान गणेश को मंगलकर्ता और विध्नहर्ता कहा जाता है। भगवान गणेश की पूजा और उनके बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। जैसे-
* सबसे पहले गणपति पूजन क्यों आवश्यक होता है?
* गणेश जी को दूर्वा क्यों चढ़ाते हैं?
* भगवान गणेश को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाते हैं?
* भगवान गणेश को क्यों है सिद्धिदाता
* गणपति जी को मोदक क्यों पसंद हैं?
* गणेश जी का विशाल शरीरे लेकिन उनका वाहन छोटा चूहा क्यों?
* गणेश जी का एक दांत टूटा क्यों है?


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