नई दिल्ली। रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ की जोड़ी ने जब टीम इंडिया को टेक-ओवर किया और मिशन टी-20 वर्ल्डकप की शुरुआत की, तब उन्होंने एक नया शब्द फैन्स के सामने रखा। वह था इंटेंट का। कहा गया कि हम अग्रेसिव इंटेंट से खेलेंगे और इसमें बिल्कुल भी डरेंगे नहीं क्योंकि हम टी-20 क्रिकेट के खेलने के तरीके को बदलना चाहते हैं। एशिया कप में भारत ने अभी तक दो मैच खेले हैं, दोनों में उसे जीत मिली है। लेकिन जिस इंटेंट की बात हुई थी, वह गायब दिखा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मिशन में फेल होने वाले टीम इंडिया के सीनियर बल्लेबाज ही हैं, जिसमें खुद कप्तान रोहित शर्मा, उप-कप्तान केएल राहुल और पूर्व कप्तान विराट कोहली शामिल हैं।
हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ खुल गई पोल
एशिया कप में भारत का बुधवार को हॉन्ग कॉन्ग से मुकाबला हुआ, उम्मीद थी कि यहां पर बल्लेबाज खुलकर खेलेंगे ताकि फॉर्म में वापस आया जाए। लेकिन इसका बिल्कुल उलट ही हुआ। कप्तान रोहित शर्मा 13 बॉल में 21 रन बना पाए और कुछ हदतक तेज़ी से खेले, लेकिन वह भी बड़ी पारी नहीं खेल पाए और अपना विकेट गंवा बैठे। यहां सबसे बड़े विलेन केएल राहुल साबित हुए, जिन्होंने 39 बॉल में 36 रन बनाए। जबतक वह क्रीज़ पर थे, ऐसा लगा कि वह बॉल खेलने में काफी संघर्ष कर रहे हैं। पूरी पारी में वह एक बार ही आक्रामकता दिखा पाए, वह भी तब जब उन्हें फ्री-हिट मिली और उन्होंने सिक्स लगा दिया। केएल राहुल पाकिस्तान के खिलाफ पहली बॉल पर आउट हुए थे, यहां उन्होंने धीमी बल्लेबाजी की।
केएल राहुल के साथ यह सिर्फ एक पारी की ही बात नहीं है, उनके स्ट्राइक रेट को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए हैं और हर बार यही कहा जाता है कि वह कभी-कभी टीम के लिए नहीं खुद के लिए रन बना रहे होते हैं। आईपीएल में वह भले ही ऑरेन्ज कैप होल्डर की रेस में हों, लेकिन स्ट्राइक रेट सवालों के घेरे में होता है।
टी-20 इंटरनेशनल में पिछली पांच पारियों में केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 150 या उससे कम ही रहा है। हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ उन्होंने 92 के स्ट्राइक रेट से बैटिंग की, न्यूजीलैंड के खिलाफ वह 49 बॉल में 65 रन बना पाए। पिछली बार उनकी तूफानी पारी टी-20 वर्ल्डकप 2021 में दिखी थी, जहां स्कॉटलैंड के खिलाफ उन्होंने 19 बॉल में 50 रन बना डाले थे। वहीं अगर पूर्व कप्तान विराट कोहली की बात करें तो वह पहले ही बुरी फॉर्म से जूझ रहे हैं। लंबे ब्रेक के बाद उनकी वापसी हुई, हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ उन्होंने फिफ्टी भी जड़ी। लेकिन यह टी-20 वाली नहीं बल्कि वनडे की तरह फिफ्टी साबित हुई, विराट कोहली ने 44 बॉल में 59 रनों की पारी खेली। उनका स्ट्राइक रेट 140 से कम ही रहा. विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ भी 34 बॉल में 35 रन बनाए थे।
टीम पर बोझ बन रहे सीनियर प्लेयर?
सवाल ये उठता है कि टी-20 टीम में अगर टॉप-3 ही धीमी बल्लेबाजी करेंगे, या एंकर रोल ही निभाएंगे तो फिर बड़ा स्कोर कैसे बनेगा। ऐसे में हर बार दबाव मिडिल ऑर्डर पर होगा, अगर वह कभी फेल हुआ तो टीम इंडिया की बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप साबित हो सकती है। हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ भी जबतक केएल राहुल, विराट कोहली और रोहित शर्मा क्रीज़ पर थे तबतक भारत की बल्लेबाजी काफी धीमी थी। 13 ओवर में स्कोर सिर्फ 90 के करीब ही था, आखिर में सूर्यकुमार यादव ने आकर ऐसी तूफानी पारी खेली कि आखिर के 7 ओवर में पूरा गेम ही पलट गया। हाल ही में जब टीम के सीनियर्स को आराम दिया गया था, तब आयरलैंड के खिलाफ ईशान किशन, ऋतुराज गायकवाड़, दीपक हुड्डा जैसे प्लेयर्स टॉप-3 का जिम्मा संभाल रहे थे। जहां उनकी बल्लेबाजी में टी-20 वाली झलक दिखी थी, जिसमें वह बेखौफ बल्लेबाजी करते दिखे। रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ जिस इंटेंट की बात करते हैं, वह वही खेल था. टी-20 वर्ल्डकप अब दो महीने ही दूर है, ऐसे में मौजूदा प्लेइंग-11 में कोई बड़ा बदलाव होना मुश्किल ही दिखता है। ऐसे में रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली को ही अपने खेल पर आत्मचिंतन करना होगा, वरना ऑस्ट्रेलिया में तेज पिच और बड़े ग्राउंड पर होने वाले टी-20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया संकट में पड़ सकती है।
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