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मालदा मछली व्यवसायी की धनकुबेर बनने के रहस्य से उठा पर्दा , ऐसे कमायें थे करोड़ों रूपये

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मालदा। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में सीआईडी ने एक मछली कारोबारी के ठिकाने पर छापेमारी की और इस दौरान बरामद हुई रकम के बारे में जिसको भी जानकारी मिली वह हैरान रह गया है। अचानक से किसी को विश्वास ही नहीं हुआ कि किसी मछली कारोबारी के घर से भी भी इतने रूपये मिल सकते है। आपको बता दें कि सीआईडी ​​द्वारा मालदा के गाजोल में छापेमारी के दौरान 1 करोड़ 39 लाख रुपये बरामद किए गये है। साफ है कि मछली कारोबारी निकला धनकुबेर निकला है, यही कारण था की सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि एक मछली कारोबारी के पास इतने रूपये कहाँ से आये, जबकि न तो वह कोई बड़ा बिजनेसमैन है और न ही कोई नेता। खुद सीआईडी की टीम भी काफी हैरान और परेशान है कि आखिर छोटे बाजार में मछली बेचने वाले के घर में पैसों का पहाड़ कहाँ से आया।
मगर अब मालदा मछली व्यवसायी की धनकुबेर बनने के रहस्य से उठा पर्दा उठ गया है। सीआईडी के अनुसार उक्त रुपये फेंसीडील के तस्करी के जरिए हुई कमायी के हैं।
डीआइजी की प्राथमिक जांच में पता चला कि है मछली व्यवसायी जय प्रकाश साहा मछली व्यवसाय की आड़ में प्रतिबंधित कफ सिरप का धंधा करते थे। पहले भी उनपर अवैध धंधे का आरोप लगता रहा है। इसलिए जयप्रकाश के इस गोरख अवैध धंधे पर सीआइडी की नजर थी।
सीआईडी सूत्रों के अनुसार जय प्रकाश का एक साला है। उसका नाम ओम साहा है। वह दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर इलाके का रहनेवाला है। ओम साहा विभिन्न तरह के ड्रग्स तस्करी के धंधे से जुड़ा हुआ था। कुछ दिनों पहले ही ओम साहा को सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के दौरान पचा चला कि उसने भारी संख्या में नकद रुपये अपने बहनोई जय प्रकाश के घर में छिपा कर रखा है। उक्त सभी रुपये अवैध हैं। इसके बाद ही सीआईडी की टीम ने मालदा गाजोल स्थित जय प्रकाश के घर में छापामारी की। सीआईडी अधिकारियों के अनुसार अभियुक्त जयप्रकाश भी ड्रग्स तस्करी के धंधे से जुड़ा हुआ है। फिलहाल पुलिस अभियुक्तों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है।


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