दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था, जन-केंद्रित विकास माडल पर हमारा ध्यान, एससीओ सम्मिट में बोले पीएम मोदी
समरकंद। पीएम मोदी ने आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन को हिन्दी में संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन में सभी एससीओ देशों में बेहतर ट्रांसिट तालमेल का मुद्दा उठाया। उन्होंने भारत को बेहतर व्यापार क्षेत्र बनाने का संकल्प भी दोहराया।पीएम ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जल्द ही देश को विनिर्माण केंद्र में बदला जाएगा। पीएम मोदी इस बैठक के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे, जिसपर सभी की निगाहें टिकी होंगी। पीएम इसी के साथ ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, उज्बेक राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि एससीओ सदस्य देशों को पारगमन के अधिकार और कनेक्टिविटी में सुधार करना चाहिए। मोदी का इशारा साफ तौर पर पाकिस्तान की ओर था, जिसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एससीओ नेताओं के सत्र में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि, उन्होंने बाजरा को लोकप्रिय बनाने और खाद्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला है। पीएम ने कहा कि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एससीओ कोविड के बाद के युग में भूमिका निभा सकता है। एससीओ शिखर सम्मेलन की अगले साल मेजबानी भारत करेगा, जिसको लेकर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि, एससीओ शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए चीन भारत का सहयोग करेगा।
प्रधान मोदी ने शुक्रवार को शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत पारंपरिक दवाओं पर एक नए एससीओ कार्य समूह के लिए पहल करेगा। सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं। हम जन केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम हर क्षेत्र में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। आज हमारे देश में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “भारत की अर्थव्यवस्था के इस साल 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुझे खुशी है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।” वह स्टार्ट-अप और इनोवेशन पर एक विशेष वर्किंग फोर्स ग्रुप का गठन करेंगे और एससीओ सदस्यों के साथ अपने निष्कर्ष साझा करेंगे।
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