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राजस्थान सियासी संकट : क्या सियासी घमासान में ‘मैन ऑफ द मैच’ बनेंगे सचिन, पायलट ने चुप रहकर खेला मास्टर स्ट्रोक

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जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत Vs सचिन पायलट के बीच सीएम पद को लेकर सियासी घमासान चरम पर है। सीएम गहलोत के करीबी 90 से ज्यादा विधायकों ने खुलेआम बगावत करते हुए स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया है। उनकी बस एक ही डिमांड है कि एक समय कांग्रेस सरकार गिराने को लेकर बगावत कर चुके सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया जाए। इस मुद्दे पर जयपुर में चर्चा और बैठकों के बाद अब मामला दिल्ली दरबार में जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व ने बदले हालात में वेट एंड वॉच की रणनीति पर आ गई है। हालांकि, पूरे सियासी उठापटक में सचिन पायलट ने लगातार चुप्पी साध रखी है। जिसके बाद हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर पायलट का अगला दांव क्या होगा? क्या पायलट कोई खेला करेंगे या फिर जिस तरह से कांग्रेस आलाकमान उनके सपोर्ट में दिख रहा ऐसे में वो ‘मैन ऑफ द मैच’ बनकर उभरेंगे।
ट्विटर पर टॉप ट्रेंड हुए पायलट
राजस्थान कांग्रेस में उठापटक के बीच अभी तक सामने आई कहानी में पायलट की ओर आलाकमान का रुख पॉजिटिव नजर आया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत का नाम आगे आने के बाद ऐसा लगा कि सचिन पायलट राज्य के नए सीएम होंगे। भारत जोड़ो यात्रा में हाल ही में जिस प्रकार राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर सचिन पायलट चल रहे थे उसके बाद इस बात को और भी बल मिला। लेकिन पायलट की राह में एक बार फिर अशोक गहलोत आते दिख रहे हैं। इस सियासी घमासान में पायलट को फायदा दिख रहा। वो ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग में हैं। यूजर्स लगातार उनको लेकर ट्वीट कर रहे हैं, साथ ही सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपने की मांग भी की जा रही है।
क्या राजस्थान के सीएम बनेंगे पायलट?
इससे पहले ऐसी चर्चा थी कि गहलोत और पायलट को दिल्ली बुलाया गया है। हालांकि, अभी दोनों ही दिग्गज राजस्थान में ही हैं। जानकारी के मुताबिक, पायलट ने अपने समर्थकों से मुलाकात की है, लेकिन उन्होंने रविवार के घटनाक्रम पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से परहेज किया। वहीं मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर सवाल यही है कि आखिर पायलट का अगला दांव क्या होगा? क्या पायलट राजस्थान के सीएम बन सकते हैं, क्या संभावनाएं बन रही हैं?
गहलोत खेमे की बगावत, पायलट पर कांग्रेस नेतृत्व का पॉजिटिव सिग्नल
गहलोत खेमे के बगावती दांव से भले ही सियासी भूचाल आ गया हो, लेकिन राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन का जिस तरह बयान सामने आया वो सचिन पायलट के लिए पॉजिटिव सिग्नल जैसा है। वो मुख्यमंत्री बनने की रेस में लगातार सबसे आगे हैं। अजय माकन के बयानों से साफ है कि पार्टी नेतृत्व रविवार को हुए पूरे घटनाक्रम से नाराज है। कहीं न कहीं इसका सीधा फायदा पायलट को मिल सकता है। खुद पायलट भी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं क्योंकि मामला गहलोत खेमा Vs कांग्रेस आलाकमान के बीच है।
सचिन पायलट के सामने क्या हैं विकल्प?
वहीं जिस तरह से मौजूदा हालात बन रहे उसमें अगर गहलोत राजस्थान के सीएम बने रहते हैं तो केंद्रीय नेतृत्व सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। अगले साल राजस्थान विधानसभा के चुनाव हैं तो पार्टी उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप सकती है। हालांकि, सचिन पायलट की चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं कि क्या वो सीएम से इतर कोई जिम्मेदारी लेंगे या फिर बगावती तेवर अपनाएंगे? एक स्थिति ये भी बन रही कि पायलट को दिल्ली बुलाया जाए और केंद्र में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाए। फिलहाल ये सभी संभावनाएं हैं जिस पर कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ही आखिरी फैसला ले सकती हैं।


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