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आदमखोर बाघ से लोगों में दहशत, रेस्क्यू के लिए एक्सपर्ट को बुलाया गया

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बगहा। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के तराई इलाके के लोग आदमखोर बाघ के अभी तक काबू में नहीं आने से दहशत में है। ग्रामीण इलाके में बाघ के पैरों के निशान मिलने के बाद से लोगों में भय का माहौल है। वहीं वन विभाग की टीम ने कैमरों की मदद से बाघ का सुराग ढूंढ रहे हैं। इसके साथ ही बाघ को रेस्क्यू करने के लिए 24 घंटे में शिफ्टों में टीम की तैनाती की गई है। इसके साथ ही गश्ती दल इलाकों में निगरानी भी कर रहे हैं। इसके बावजूद आदमखोर बाघ काबू नहीं किया जा सका है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, सभी लोगों ने वन विभाग से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द से जल्द आदमखोर बाघ को रेस्क्यू किया जाए। वहीं ग्रामीणों को वन क्षेत्र में जाने से मना कर दिया गया है।
आदमखोर बाघ पर नहीं पाया जा सका है काबू
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल-2 हरनाटाड़ क्षेत्र में आदमखोर बाघ को रेस्क्यू करने के लिए एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता के नेतृत्व में संजय गांधी जैविक उद्यान के रेस्क्यू दल को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में डेरा डाल चुके हैं। रेस्क्यू करने पहुंची एक्सपर्ट की टीम में तीन वनकर्मी एक पशु चिकित्सक समरेंद्र कुमार पहुंचे हैं। रेस्क्यू टीम पांच वन क्षेत्रों के कर्मियों के साथ मिलकर बाघ को काबू करने की योजना बना रहे हैं।
बाघ को खुले इलाके में ट्रैंकुलाइज़र करने की योजना
एक्सपर्ट शूटर शफाअत अली को रेस्क्यू टीम में बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिये शामिल किया गया है। रेस्क्यू के लिये बनाये गये प्लान के मुताबिक टीम के सभी मेम्बर अपने काम को अंजाम देंगे। बाघ को काबू करने के बाद इलाके से 30 किमी बिना आबादी वाले क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। एक्सपर्ट की मानें तो ट्रैंकुलाइज़र (बाघ को बेहोश करने वाली दवा) का असर क़रीब 40 मिनट तक ही रहता है। इसके मद्देनज़र खुले जगह मे ही बाघ को ट्रैंकुलाइज किया जाएगा, ताकि बेहोश करने के बाद बाघ को आसानी से ढूंढा जा सके।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
आदमखोर बाघ ने पिछले 5 महीने में करीब आधा दर्जन ग्रामीणों को आदमखोर बाघ अपना शिकार बना चुका है। हाल ही में हरनाटांड़ के बैरिया कला गांव में बाघ ने एक महिला को अपना शिकार बना लिया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग पर उदासीनता का आरोप लगाया था। इसके साथ ही हरनाटांड़ वन कार्यालय का घेराव भी किया था। रिहायशी इलाके के आसपास बाघ के पैरों का निशान को देखने के बाद फिर से लोगों में दहशत का माहौल है।
सुरक्षा के मद्देनज़र कैंप कर रही टीम
वन विभाग के अधिकारियों ने पांचों वन क्षेत्र कर्मियों को अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही ग्रामीणों को जंगल के तरफ़ जाने से मना भी किया गया है। हर्नाटांड़ वन क्षेत्र के बैरिया कला गांव के पास जंगल के पास दो दर्जन वन कर्मियों की टीम सुरक्षा के मद्देनज़र कैंप कर रही है।


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