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मोदी आज करेंगे ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण: फूलों से सजा महाकाल मंदिर, कार्यक्रम के दौरान भी दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

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उज्जैन। वाराणसी में काशी विश्वनाथ के बाद देश के एक और ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का नया रूप निखर गया है। PM मोदी शाम 6.30 बजे 200 संतों और 60 हजार लोगों की मौजूदगी में महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है। इसके बाद 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है, जिस पर चलकर भक्त गर्भगृह तक पहुंचेंगे।
कार्यक्रम के लिए महाकाल मंदिर समेत पूरे परिसर को देशी-विदेशी फूलों से सजाया गया है। इसके लिए बेंगलुरु और पुणे समेत सात शहरों से फूल मंगाए गए हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बावजूद श्रद्धालु आम दिनों की तरह ही बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि PM के दर्शन के लिए आने पर एक घंटे के लिए गणेश मंडपम बंद रहेगा। इस दौरान श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम से दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद नहीं होगा
PM के दौरे से पहले ही महाकाल मंदिर और महाकाल लोक में SPG ने कमान संभाल ली है। इसलिए मंगलवार को महाकाल दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कड़ी सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। उज्जैन SSP सत्येंद्र शुक्ल ने साफ किया कि मंदिर में PM के आने के समय भी आम श्रद्धालुओं को दर्शन से नहीं रोका जाएगा, लेकिन उन्हें एक साथ बड़ी संख्या में प्रवेश नहीं मिलेगा। ऐसा इसलिए, ताकि सुरक्षा इंतजामों में खलल न पड़े।
60 KM लंबा इंदौर-उज्जैन हाइवे जगमग
उज्जैन में रात को हेलिकॉप्टर के उड़ने और उतरने की सुविधा नहीं है। इसलिए वापसी में प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से इंदौर जा सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए उज्जैन के बीच 60 KM लंबे हाइवे को स्पेशल लाइटिंग के जरिए दुल्हन की तरह सजाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, PM अहमदाबाद से इंदौर होते हुए उज्जैन पहुंचेंगे। यहां जानिए उज्जैन के कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री का पूरा शेड्यूल…
PM मोदी इंदौर तक प्लेन से आएंगे। वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए शाम साढ़े 5 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। हेलिपैड से वे शाम 6 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेंगे।
* मंदिर में दर्शन के बाद PM कॉरिडोर के नंदी द्वार पर 6.30 बजे पहुंचेंगे और महाकाल लोक को देश को समर्पित करेंगे।
* PM कॉरिडोर में पूजन-अर्चन कर इलेक्ट्रिक व्हीकल से पूरा से महाकाल पथ देखेंगे।
*  इसके बाद PM कार्तिक मेला ग्राउंड पर सभा को संबोधित करेंगे। PM की सभा 8 बजे तक चल सकती है।
*  उज्जैन से रात में हेलिकॉप्टर के टेक ऑफ की फैसिलिटी नहीं है, ऐसे में PM सड़क मार्ग से इंदौर पहुंचेंगे। वे यहां से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।
सजावट के लिए बेंगलुरु-पुणे से मंगाए गए फूल
महाकाल का गर्भगृह और नंदी हाल के साथ ही परिसर के सभी मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं। यहां 40 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड के आस-पास पुष्प सज्जा भी की गई है। मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि सजावट के लिए सात शहरों से फूल मंगाए गए हैं। इनमें देसी गुलाब, गेंदा, सुगंधित पुष्प इसके अलावा विशेष किस्म के डच गुलाब, जरबेरा, लिली, रजनीगंधा, एंथोरियम शामिल हैं। विशेष किस्म के फूल पुणे और बेंगलुरु से मंगाए गए हैं।
कार्यक्रम 40 देशों में LIVE दिखाया जाएगा
उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण से पहले गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति करेंगे। मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल समेत 6 राज्यों के कलाकार इस दौरान प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 40 देशों में होगा। शिप्रा नदी के सभी घाटों पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु बड़ी स्क्रीन पर कार्यक्रम देखेंगे। मध्य प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में लोग शिव भजन, पूजन, कीर्तन, अभिषेक, आरती करेंगे। शंख, घंटे-घड़ियाल बजने के साथ ही मंदिरों, नदियों के तट और घरों में दीपक जलाए जाएंगे।
प्रदेश के सभी मंदिरों में धार्मिक आयोजन
प्रदेश के सभी बड़े शिव मंदिरों जैसे टीकमगढ़ का बांदकपुर मंदिर, छतरपुर का जटाशंकर मंदिर आदि स्थानों में सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। यहां पर भी लाइव प्रसारण हाेगा। उज्जैन एवं इंदौर संभाग के हर जिले से विभिन्न समाज और संस्थाओं के अध्यक्ष, पार्षद, सरपंच, तड़वी, पटेल, पुजारी आदि को लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्र से जल लेकर आएंगे और उज्जैन रुद्रसागर में समर्पित करेंगे।
6 राज्यों के 700 कलाकार प्रस्तुति देंगे
प्रधानमंत्री के महाकाल लोक अवलोकन के दौरान मध्यप्रदेश की मालवा संस्कृति का नृत्य, गुजरात का गरबा, केरल के कलाकार कथक और आंध्र प्रदेश के कलाकार कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति देंगे। खास बात यह है कि झारखंड के ट्राइबल एरिए से आए 12 कलाकार PM मोदी के सामने अपनी सांस्कृतिक परंपरा अनुसार भस्मासुर की प्रस्तुति देंगे। PM इलेक्ट्रिक व्हीकल से महाकाल लोक का अवलोकन करेंगे। इस दौरान वे कलाकारों से भी मिल सकते हैं।
एयरफोर्स के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर पहुंचे
प्रधानमंत्री के इंदौर से उज्जैन जाने के लिए वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। ‘एमआई 17वी5’ मीडियम लिफ्ट चॉपर्स खासतौर पर VIP ड्यूटी के लिए तैयार और मोडिफाई किए गए हैं। PM की सुरक्षा में 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसमें प्रदेशभर से अधिकारियों के साथ स्पेशल टीम शामिल है। बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) की 12 टीम अलग-अलग पॉइंट पर तैनात हैं। जिन सड़कों पर प्रधानमंत्री का मूवमेंट रहेगा, उन्हें दो घंटे पहले बंद कर दिया जाएगा।
दोपहर 3 बजे बंद कर दिए जाएंगे रास्ते
उज्जैन में ​​​​​​डीआरपी लाइन, इंदौर रोड, महामृत्यंजय चौराहा, आस्था गार्डन तिराहा, शांति पैलेस तिराहा, हरिफाटक ओवर ब्रिज, त्रिवेणी संग्रहालय, हरिसिद्धि चौराहा, शिप्रा नदी का छोटा ब्रिज, सिंहस्थ द्वार दोपहर 3 बजे से आम लोगों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री यदि सड़क मार्ग से इंदौर जाते हैं, तो एक लेन पर यातायात एक घंटे पहले बंद कर दिया जाएगा।
50 साल की प्लानिंग- देश का सबसे व्यवस्थित मंदिर होगा
12 अक्टूबर से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था में देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर हो जाएगा। यहां दर्शन व्यवस्था अगले 50 साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी सुविधा बिना भीड़ के सुविधाजनक और कम समय में दर्शन की मिलेगी। रात में सोने की तरह दमकने वाले कॉरिडोर में सुंदरता के साथ श्रद्धालुओं को शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे त्योहार पर दर्शन की ऐसी बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है, जो देश के किसी मंदिर में नहीं है।
किसी भी त्योहार पर न तो महाकाल पहुंचने वाले वाहनों को शहर से दूर रोका जाएगा और न ही कई किमी पैदल चलना होगा। श्रद्धालुओं को पार्किंग से लेकर महाकाल दर्शन तक पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे, वहीं एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। व्यवस्था ऐसी होगी कि एक दिन में 10 लाख श्रद्धालु भी पहुंच जाए तो उन्हें दर्शन कराए जा सकते हैं। ये फेस-1 की व्यवस्था है, जिसका उद्घाटन होगा।
उज्जैन के चारों ओर पार्किंग बनेगी, डेढ़ किमी चलकर मेले में पहुंच सकेंगे
फेस-2 की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। इसमें सिंहस्थ को ध्यान में रखकर प्लान किया गया है। सिंहस्थ के दौरान इंदौर, रतलाम, देवास, मक्सी जैसे किसी भी शहर से उज्जैन आने पर सिंहस्थ मेले के डेढ़ किमी नजदीक गाड़ियां पार्क हो सकेंगी। लोगों को मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए न तो कई किमी पैदल चलना होगा और न ही किसी पास की जरूरत होगी।
डेढ़ किमी क्षेत्र में भी तिरुपति की तरह बैटरी वाली सरकारी गाड़ियां चलेंगी। 30 सितंबर 2023 तक महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2500 गाड़ियों की पार्किंग तैयार हो जाएगी, वहीं सिंहस्थ को लेकर 7 हजार गाड़ियों की स्थाई पार्किंग व्यवस्था नदी के किनारे ही बनाई जा रही है। इसके लिए क्षिप्रा किनारे कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।


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