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कुएं में कचरा डालने से पूरे गांव पर मंडराया पेयजल का संकट, अवैध रूप से की जा रही है कब्जे की कोशिश

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मालदा। एक गांव में पीने के पानी का एकमात्र जरिया एक पुराने ढांचे का कुआं था। लेकिन ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कुएं में कचरा डालकर उस पर दखल करने की साजिश की जा रही है।
जानकारी अनुसार पुराने मालदा प्रखंड अंतर्गत साहापुर ग्राम पंचायत के दिलालपुर-कादिरपुर के 15 से 20 परिवार उस कुएं का पानी पीने के लिए इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब इस जगह पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। रात के अंधेरे में गंदा कचरा डालकर कुएं को बंद किया जा रहा है। ऐसे में उस गांव में पीने के पानी की घोर किल्लत है। ग्रामीणों को पानी लाने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इसलिए ग्रामीणों ने प्रशासन से कुएं का जीर्णोद्धार कर उसे अतिक्रमण से मुक्त कराने की गुहार लगाई है। इस संबंध में मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने एकत्र होकर कुछ देर तक धरना दिया।
उल्लेखनीय है कि हाल में लिखित रूप में भी ग्राम पंचायत अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि यह कुआं करीब 150 साल पुराना है। वे इसके पानी को पीने के पानी के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, कुएं के पानी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। लेकिन एक पड़ोसी प्रतिष्ठान पर इस पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। इसका प्रतिवाद करने के लिए ग्रामीण एकजुट हो गए हैं। मगर इस बीच आरोप है कि पड़ोसी ने रात के अंधेरे में गंदा कचरा फेंक कर कुएं को बंद कर उसपर कब्जा करने की कोशिश की है। ग्रामीणों ने लिखित रूप में प्रशासन को सूचित किया है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि इस पुराने कुएं का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, आरोपी पड़ोसी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए है, क्योंकि गांव के 15 से 20 परिवार इसी कुएं के पानी पर निर्भर हैं। वर्तमान में इस कुएं में गंदा कचरा डालने से गांव में पीने का पानी गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया है। हालांकि, साहापुर ग्राम पंचायत प्रमुख अनिक कुमार घोष ने कहा कि ग्रामीणों ने उन्हें लिखित रुप में सूचित कर दिया है। मामले की मौके पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।


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