मालदा। आने वाले समय में न तो बीजेपी के खिलाफ और न ही सीपीएम और कांग्रेस के खिलाफ। मुझे लगता है कि आनेवाले समय में मालदा में तृणमूल बनाम तृणमूल की विस्फोटक लड़ाई होगी। गुरुवार को यह बड़ा बयान राज्य की सिंचाई मंत्री सबीना यास्मीन ने दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह जमीनी स्तर पर जमीनी स्तर की लड़ाई होगी। इसके लिए आप सभी तैयार रहें, जिन्हें तृणमूल कांग्रेस का टिकट नहीं मिलेगा, कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं मिलेंगे, वे हमारे खिलाफ ऐसे उम्मीदवार उतारेंगे जिन्हें हम टिकट नहीं दे सकते। इसलिए दल को दुरुस्त करने की जरूरत है, ताकि गांव में कोई अन्य दल नहीं आ सके ।
मालदा के श्रीपुर में परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती की मौजूदगी में पार्टी में आंतरिक कलह को लेकर उक्त बयान सिंचाई राज्य मंत्री सबीना यास्मीन ने दिया। इस दिन राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने मालदा के श्रीपुर, रतुआ में जनसभा की। सभी जिला तृणमूल अध्यक्ष और कई मालदा जिले के शीर्ष नेतृत्व के साथ मौजूद थे। वहां बोलते हुए राज्य की सिंचाई मंत्री सबीना यास्मीन ने पंचायत चुनाव से पहले पार्टी की अंदरूनी कलह को लेकर इस तरह की टिप्पणी की।
इस बारे में विपक्षी कांग्रेस के नेता और जिले के महासचिव मालतीपुर विधानसभा केंद्र से पूर्व विधायक अलबिरूनी जुलकर नैन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस गुटीय संघर्ष से त्रस्त है। नतीजतन, यह देखा जा सकता है कि नेता विरोधी नेताओं के सामने एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। उन्होंने तीन वास्तविक बातें कही। मालदा जिले में जिस तरह से दल का प्रभाव बढ़ रहा है उससे आने वाले दिनों में राष्ट्रीय कांग्रेस पंचायत में अपना दमखम दिखाएगी। आम लोगों ने महसूस किया है कि भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस का शासन कायम नहीं रह सकता है।
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीती थी। कांग्रेस की नीति पर चलने वाले कांग्रेस में आ सकते हैं। भाजपा के दक्षिण मालदा जिले के महासचिव अमलान भादुड़ी ने कहा कि तृणमूल के खिलाफ तृणमूल की कोई लड़ाई नहीं है, क्योंकि यह पश्चिम बंगाल में है। अब जमीनी स्तर पर आम लोगों की लड़ाई है।
मालदा जिले में अब तृणमूल कांग्रेस की गुटबाजी शुरू हो गई है। वे अपने संगठन को ठीक नहीं कर सकते। खुद को एकजुट नहीं कर सकते। इस दौरान पार्टी के मंत्री चोरी-छिपे पैसे के पीछे भाग रहे हैं, ये शब्द उनके मुंह में फिट नहीं होते। पंचायत चुनाव में इस बार तृणमूल कांग्रेस मालदा से बाहर होगी। इतनी गुटबाजी के कारण वे कहीं से भी जीत नहीं सकेंगे।
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