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जीएसटी काउंसिल की बैठक , लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

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नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की सोमवार को बैठक हुई। इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राज्यों को आज देर रात 20 हजार करोड़ रुपये का जीएसटी भुगतान कर दिया जाएगा। केंद्र को कम्पेनसेशन सेस से मिले 20 हजार करोड़ रुपयों का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा।

बैठक के बाद बताया गया कि जीएसटी मुआवजा का मुद्दा अभी नहीं सुलझा है। मंत्री ने कहा कि बैठक में केंद्र के प्रस्ताव से 20 राज्य सहमत थे, लेकिन कुछ राज्यों ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा, हम राज्‍यों को मुआवजे की राशि से इनकार नहीं कर रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है। मंत्री ने कहा कि मौजूदा हालात इस तरह के नहीं है कि केंद्र सरकार फंड पर कब्‍जा करके बैठी है और देने से इनकार कर रही है। फंड को उधार लेना होगा।

उन्होंने कहा कि बिहार के वित्‍त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुझाव दिया है कि उधार लेने के विकल्‍प पर सभी को फिर से मिलकर बात करनी चाहिए। आगामी 12 अक्टूबर को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

बैठक में तय हुआ है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पनसेशन सेस को 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। यानी कार, सिगरेट जैसे प्रोडक्ट पर कम्पनसेशन सेस आगे भी लगता रहेगा, कहा गया है कि राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। नियम के मुताबिक यह जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पांच साल तक लगना था।

उल्लेखनीय है कि राज्य करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी का बकाया मुआवजा देने की केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं। इसके बदले में केंद्र ने उन्हें उधार लेने के दो विकल्प दिए हैं। लेकिन केंद्र के इस प्रस्ताव को लेकर राज्यों की अलग—अलग राय सामने आई है। 1 जनवरी से ऐसे टैक्सपेयर जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मंथली रिटर्न जैसे GSTR 3B और GSTR1 फाइल करने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें केवल क्वार्टरली रिटर्न फाइल करना होगा। हालांकि हर माह चालान के जरिए पेमेंट करना होगा। यह फैसला गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 42वीं बैठक में लिया गया है।

जीएसटी परिषद ने जून 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया है. जीएसटी काउंसिल के अन्य फैसलों में से एक यह भी रहा कि अब राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत उपलब्ध कराए गए दो विकल्पों में से पहले के तहत 97000 करोड़ की जगह 1.1 लाख करोड़ रुपये उधार के तौर पर मुहैया कराए जाएंगे.

बड़े टैक्सपेयर्स के मामले में फैसला किया गया कि उन्हें 1 अप्रैल से बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजेक्शंस के लिए मैक्सिमम 6 डिजिट का HSN कोड देना होगा। वहीं स्मॉल टैक्सपेयर्स को मैक्सिमम 4 डिजिट तक का HSN कोड उपलब्ध कराना होगा। यह भी फैसला किया गया है कि 1 जनवरी 2021 से रिफंड पैन व आधार डिटेल्स द्वारा वैलिडेट बैंक अकाउंट में ही आएगा।


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