दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड ने देशभर को हिलाकर रख दिया है। खबरों के मुताबिक आफताब ने श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े किए और जंगल में फेंक दिए, लेकिन प्यार, तकरार और शरीर के कई टुकड़े करने का यह मामला नया नहीं है। 12 साल पहले देहरादून में कुछ ऐसा ही हुआ था। तब एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या की और लाश के 72 टुकड़े कर दिए। बेरहमी से हुई इन दर्दनाक हत्याओं में एक पैटर्न नजर आता है।
17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा के पति राजेश गुलाटी ने उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी थ। सिर्फ इतना ही नही दरिंदगी की हदें बार करते हुए राजेश ने शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में रख दिए थे। अपनी बहन का कोई हाल चाल न मिलने पर जब भाई सूरज 12 दिसंबर 2010 को दिल्ली से देहरादून पहुंचा तो जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ। 2011 में इस प्रकरण में देहरादून पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
आरोप पत्र में बताया गया था कि अनुपमा और राजेश गुलाटी के बीच अक्सर झगड़े होते थे और हत्या वाले दिन भी झगड़े के बाद बेड के कोने पर अनुपमा का सिर लग गया था। इसके बाद राजेश ने अनुपमा के मुंह पर तकिया रखकर हत्या की थी। अनुपमा दिल्ली की रहने वाली थीं और उन्होंने राजेश से 1999 में लव मैरिज की थी। राजेश पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। देहरादून के प्रकाश नगर में अपने बच्चों के साथ गुलाटी दंपत्ति रहते थे। दोनों 2000 में अमेरिका भी चले गए थे। 6 साल बाद वापस आने के बाद दोनों देहरादून में बस गए। हत्या के वक़्त गुलाटी दंपत्ति के दोनों बच्चे महज़ 4 साल के थे।
हॉलीवूड की मूवी से आया हत्या का प्लान
यह भी कहा जाता है कि एक हॉलीवुड मूवी देखते वक़्त राजेश ने अनुपमा की हत्या करने का ख्याल आया था। किसी ने सोचा न होगा कि लव मैरिज इस अंजाम तक भी पहुंच सकती है। जुर्म को छुपाने के लिए राजेश ने एक डीप फ्रीजर खरीदा और अनुपमा के शव को उसमे रख दिया था। जब शव बर्फ में जम गया तो स्टोन कटर मशीन से अनुपमा के टुकड़े करने लगा और धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में फेंकने लगा।
2017 में देहरादून के जिला सत्र न्यायालय ने इस घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा और हत्यारोपी राजेश को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी और 15 लाख का आर्थिक दंड भी लगाया था। वहीं जब मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंचा तब भी राजेश गुलाटी को जमानत नहीं मिली।
अभी जेल में है राजेश
25 जुलाई 2022 को स्वास्थ खराब होने के चलते राजेश गुलाटी को 45 दिन की जमानत मिली। इसके बाद राजेश के आग्रह पर फिर 7 सितम्बर को 10 दिन की जमानत मिली, जिसकी मियाद खत्म होने के बाद राजेश गुलाटी ने एक बार फिर सर्जरी का हवाला देते हुए 21 दिन की जमानत मांगी, जो उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर ली। इसके बाद ज़मानत नही बढ़ाई गई।
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