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नींद, चैन सब हो गया है ख़त्म, खेतीबारी हो चूका है बंद, तेंदुए के खौफ के साये में जी रहे है लोग

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जलपाईगुड़ी। जलपाईगुड़ी शहर के पास मंडलघाट इलाके के तेंदुए का खौफ कुछ इस कदर बना हुआ है कि लोगो के रातों की नींद उड़ गयी है। डर और और आतंक के कारण न तो लोग सो पा रहे है और न ही अपनी खेतीबारी कर पा रहे है । तेंदुए की आवाज यानि उसकी लंबी गुर्राहट सुनकर रात के इस ठंडी में पसीना आ जाता है।
आपको बता दें कि तेंदुए नहीं पकडे जाने से शनिवार से ही मंडलघाट इलाके के लोगों में तेंदुए का दशहत कायम है। वन विभाग के कर्मचारी गांव में तेंदुए पर नजर बनाये हुए हैं । इधर तेंदुए के डर से खेतीबारी बंद हैं । वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है। ग्रामीणों का दावा है कि उन्हें मंडलघाट इलाके में गुरुवार को तेंदुए की मौजूदगी का आभास हुआ, जो जलपाईगुड़ी शहर से थोड़ी दूर है। इस गांव के एक तरफ तीस्ता नदी के किनारे पर कई किसान आलू की खेती करते हैं। तेंदुए के डर से खेती का काम फिलहाल बंद है। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार की शाम से इस गांव में कोई सोया नहीं है। ग्रामीणों का यह भी दावा है कि तेंदुए के हमले से एक बकरी की मौत पहले भी हो चुकी है। हालांकि तेंदुआ को किसी ने स्पष्ट रूप से नहीं देखा है।
इलाके के खोकोन सरकार ने कहा कि कई लोगों ने कल रात भी तेंदुए की दहाड़ सुनी। इधर ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग के जलपाईगुड़ी वाइल्डलाइफ विंग की एक विशेष टीम मौके पर पहुंची और नदी किनारे व गांव की मिट्टी पर मिले तेंदुए के पैरों के निशान की जांच कर रही है। इसके अलावा वन विभाग के सूत्रों से पता चला है कि तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगा दिया गया  है।


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