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मुआवजा या मजाक : अग्निकांड पीड़ितों को सिलीगुड़ी नगर निगम देगी 5 हज़ार, 45 परिवारों का उजड़ चुका है आशियाना, पाई पाई के हो चुके है मोहताज़

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सिलीगुड़ी। भयावह आग से क्षतिग्रस्त लोगों की मदद के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम आगे आया है, मगर यह ऊंट के मुँह में जीरे के सामान है। आपको बता दें कि नगर निगम के वार्ड नंबर 18 की खुदीराम कॉलोनी के राणा बस्ती इलाके में शनिवार की शाम आग लगने की घटना में करीब 45 घर जलकर राख हो गये थे। दमकल की 8 गाड़ियों की लगातार कोशिशों से आग पर काबू पा लिया गया था। हालांकि उस भयावह आग में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है,  इसके बावजूद निवासियों का लगभग सब कुछ जलकर राख हो गया है।
फिलहाल क्षेत्र के लोगों ने खुले आसमान के नीचे शरण ली हुई है। इस बीच विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं और सरकारी एजेंसियां उनकी मदद के लिए आगे आई हैं। खाने से लेकर लगभग हर चीज उन तक पहुंचाई जा रहीं हैं। घटना के समय सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव शहर से बाहर थे।, लेकिन अब वापस आ गए है। सोमवार को मेयर डिप्टी मेयर रंजन सरकार, नगर आयुक्त सोनम वांगडी भूटिया के साथ दुर्घटनास्थल पर गए। वहीं महापौर के काफिले ने पीड़ितों से मुलाकात की। महापौर गौतम देव ने कहा कि प्रत्येक मरीज को नगर निगम की ओर से 5 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही जले हुए जरूरी दस्तावेज भी जल्द सौंपे जाएंगे।
मगर सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा दिए जा रहे मदद को लेकर सवाल उठाये जाने लगे है। इस अग्नि कांड में लोगों का न सिर्फ आशियाना उजड़ा है, बल्कि आशियाने में रखी जमा पूंजी भी जल गयी है। बेघर होने के साथ पाई पाई के मोहताज़ हो गए है। ऐसे बेसहारा और असहाय लोगों को सिलीगुड़ी नगर निगम के द्वारा सिर्फ 5 हज़ार रुपये का मदद, उनके साथ मज़ाक जैसा लगता है।


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