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धरती की हत्या कर सकता है यह एस्टेरॉयड, डायनासोर की तरह खत्म हो जाएंगे इंसान !

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चिली के सेरो टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जरवेटरी में नेशनल साइंस फाउंडेशन के वैज्ञानिकों ने ऐसे एस्टेरॉयड की खोज की है, जो पृथ्वी की हत्या कर सकता है। यह करीब डेढ़ किलोमीटर चौड़ा पत्थर है, जो अगर जरा सा भी नजदीक से गुजर गया तो धरती पर भारी तबाही मचा सकता है। अगर टकरा गया तो कई महाद्वीपों पर भयानक बर्बादी का मंजर होगा। हो सकता है कि डायनासोरों के समय वाली आपदा देखने को मिले।
इस एस्टेरॉयड को नाम दिया गया है 2022AP7। यह फिलहाल हमारी पृथ्वी से 70.81 लाख किलोमीटर दूर सूरज की कक्षा में धरती के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। यह दूरी पृथ्वी की चंद्रमा की दूरी से 18 गुना ज्यादा है। लेकिन यह एक पोटेंशियली हजार्ड्स एस्टेरॉयड की श्रेणी में है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अब तक जितने एस्टेरॉयड खोजे गए हैं, उनमें से सिर्फ इस एस्टेरॉयड से पृथ्वी को खतरा है। हालांकि टकराने के चांस बेहद कम हैं। लेकिन बगल से गुजर भी गया तो भारी तबाही मचाएगा।
कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के एस्ट्रोनॉमर स्कॉट शेफर्ड ने कहा कि हम ऐसे एस्टेरॉयड्स को ‘ग्रह का हत्यारा’ (Planet Killer) कहते हैं। ये अगर धरती से टकराता है, तो पूरे ग्रह पर भारी बर्बादी होगी। इसकी वजह से कई महाद्वीपों पर जीवन नष्ट हो जाएगा। ये एस्टेरॉयड उन तीन वस्तुओं में से शामिल है, जो सूरज की तेज रोशनी के पीछे छिपे हुए हैं। इस एस्टेरॉयड का सबसे बड़ा खतरा उसका आकार है, क्योंकि वह धरती के वायुमंडल में आने के बाद पूरी तरह से जलेगा नहीं। जितना भी हिस्सा बचेगा, वो भारी आपदा लेकर आ जाएगा।
एस्टेरॉयड 2022AP7 पिछले आठ सालों में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा खतरनाक एस्टेरॉयड है।इसे इस साल सबसे पहले जनवरी में खोजा गया था। लेकिन सूरज की रोशनी के पीछे होने की वजह से इसे ढंग से देखा नहीं जा पा रहा था। इसलिए इसकी स्टडी करने में दिक्कत आ रही थी। फिर दुनियाभर के कई दूरबीनों को इस काम में लगाया गया। तब जाकर इसके बारे में कुछ जानकारी मिल पाई है। इनके बारे में द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की प्लैनेटरी बेकर ने कहा कि एस्टेरॉयड 2022AP7 अगली एक सदी या उससे थोड़ा ज्यादा समय तक ये एस्टेरॉयड धरती की दिशा में नहीं आएगा। लेकिन उसके बाद इसकी आशंका बढ़ जाती है कि यह पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरे या फिर टकराए, क्योंकि हमारी धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी ज्यादा है, इसलिए यह पृथ्वी की तरफ खिंच भी सकता है। यह एस्टेरॉयड सूरज की तरफ ऐसी दिशा में है, जिसकी वजह से यह लगातार चमकता हुआ दिखता है। यह जैसे-जैसे धरती के नजदीक आएगा, इसकी चमक बढ़ती जाएगी।
मान लीजिए यह एस्टेरॉयड वायुमंडल में आने के बाद एक चौथाई खत्म हो जाता है, यानी जल जाता है. तो भी इसका बचा हुआ 75 फीसदी हिस्सा पृथ्वी पर भारी तबाही मचा देगा। यह तबाही वैश्विक स्तर पर होगी। इसलिए इंसानों को जरूरत है कि वो अभी से DART जैसे मिशनों को अंजाम देना शुरू करें।


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