मालदा, 28 नवंबर। अब तक विभिन्न चीनी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के क्षेत्र में ही अपना दबदबा दिखा रही थीं। बाज़ार में चीनी बल्ब तो है ही. इस बार मालदा के अलग-अलग बाजारों में पतंगबाजी में चीन का जलवा छा गया है. एक प्रकार की प्लास्टिक की लटाई नेपाल से सिलीगुड़ी के रास्ते तस्करी के जरिये विभिन्न स्थानों पर बिक रही है। आरोप है कि चाइनीज लटाई के प्रभाव से बेंत की बनी लटाई की मांग भी घट रही है। गौरतलब है कि सर्दी के मौसम की शुरुआत से ही उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में स्कूल और कॉलेज के छात्रों से लेकर आम लोगों में आसमान में पतंग उड़ाने का चलन है। कई लोग विशेष रूप से छुट्टियों के दिन खुले मैदानों में या घर की छतों से पतंग उड़ाते हैं। जिसके लिए लटाई चाहिए। इसी लटाई के जरिए पतंग में धागा लपेटा जाता है। धीरे-धीरे उसे घुमाकर उस धागे से आकाश में उड़ा दिया जाता है। लेकिन इस बार देखने में आया है कि मालदा के बाजार में प्लास्टिक और फाइबर से बनी एक प्रकार की लटाई धड़ल्ले से बिक रही है। यह आधुनिक लटाई बाजार में चल रही बेंत की लटाई की कीमत से भी सस्ती है। साथ ही कागज के पतंगों के बंद होने से प्लास्टिक के पतंगों की मांग लगातार बढ़ी है।
चाइनीज मांझा दावा मालदा शहर के देशबंधु चितरंजन मार्केट, नेताजी पूरो मार्केट, रवींद्र एवेन्यू, नेताजी सुभाष रोड, मोकदमपुर मार्केट सहित विभिन्न इलाकों की दुकानों में मिलने वाला एक प्रकार का प्लास्टिक और फाइबर लटाई है। ये तैयार चाइनीज मांझा लटाई 100 से 150 रुपये तक बिक रहे हैं। अगर आप बेंत की लटाई खरीदना चाहते हैं, तो कीमत 200 से 250 रुपये है। बेहद सस्ता होने के कारण इस प्रकार की चीनी लटाई अब बाजार पर असर डाल रहा है। पतंग व लटाई बेचने वालों के एक तबके के मुताबिक लोग सस्ती चीजों की तलाश में हैं। नतीजतन, इस प्रकार के प्लास्टिक फाइबर लटाई की मांग लगातार बढ़ी है। जाड़े के मौसम में मालदा में मुख्य रूप से पतंगबाजी देखी जाती है। मांझा सूत वाली लटाई 100 से 150 रुपए के बीच ग्राहकों को बेची जा रही है। नतीजतन, बहुत से लोग बेंत की लटाई खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
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