सड़क की अवस्था है बदहाल, पुल भी हो चूका है जर्जर, इन गांवों के हजारों लोगों को करना पड़ रहा है मुश्किलों का सामना
जलपाईगुड़ी। राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले इन गांवों के कई हजार लोगों को तरह-तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जलपाईगुड़ी सदर प्रखंड की बहादुर ग्राम पंचायत के रानीनगर से सटे चेओरापारा, गेडीपारा क्षेत्र में कई गांवों के लोग रहते हैं। चेवड़ापाड़ा से गेडीपारा तक आने-जाने का एकमात्र सहारा विशाल पांगा नदी पर बना पुल है। यह एक मात्र पुल है जिस पर क्षेत्र के स्कूली बच्चों को निर्भर रहना पड़ता है। लंबे समय से सड़क खराब है। सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हो रहा है।
दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को डर है कि पुल कभी भी गिर सकता है। कई किलोमीटर लंबी सड़क की हालत खस्ता है। धूल से स्थानीय निवासी हलकान हैं। इससे उन्हें तरह-तरह की बीमारियों का डर सताता है। हालांकि, सड़कों और पुलों को लेकर क्षेत्र के आम लोगों के अनुभव जानने के बाद समझ में आया कि यह पुल अगले मानसून में दोबारा नहीं दिखेगा। चेओरा के एक निवासी ने बताया कि पुल का एक तरफ का आधा हिस्सा टूटा हुआ है, इस गांव से अगले गांव तक जाने वाली सड़क कहने लायक नहीं है, सड़क की जड़ें लंबे समय से गायब है,जब हम पैदल जाते हैं तो हम सबको पत्थरों से ठोकर खाकर मुँह के बल गिरना पड़ता है। प्रशासन को बार-बार रिपोर्ट देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दूसरी ओर पंचायत चुनाव से पहले इस तरह की घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों में खासा रोष है। विपक्ष ने सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा प्रशासन के काम पर रोष व्यक्त किया। हालांकि, जलपाईगुड़ी जिला परिषद के उपाध्यक्ष दुलाल देबनाथ ने पुल और सड़क की स्थिति के बारे में सुनने के बाद मंडल अभियंता को बुलाया। गांव के आम लोगों की पीड़ा सुनकर दुलाल बाबू ने कहा कि हमने जिले के कमजोर और टूटे पुलों की सूची पहले ही तैयार कर ली है। इसके लिए त्वरित कार्रवाई की जायेगी।
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