नई दिल्ली: असम-मिजोरम सीमा मुद्दा हल हो गया है। इसके साथ ही गुरुवार को 300 से ज्यादा आवश्यक वस्तुओं से लदे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। वहीं, असम के क्षेत्र से सुरक्षा बलों को हटाने की प्रक्रिया की शुरुआत भी हो चुकी है। असम-मिजोरम सीमा विवाद को हल करने के लिए दोनों राज्यों के बीच बुधवार को वार्ता आयोजित की गई थी। इस बैठक में गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर पूर्व के प्रभारी) सत्येंद्र कुमार गर्ग और मिजोरम के गृह सचिव के साथ ही दोनों राज्यों के शीर्ष अधिकारी शामिल रहे। दोनों पक्ष अपनी सीमा समस्या के समाधान के लिए यथास्थिति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए नियमित बातचीत करने पर सहमत हुए हैं।
गर्ग ने गुरुवार को मिजोरम के राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई से आइजोल स्थित राजभवन में मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री जोरामथांगा के साथ उनके निवास पर और मुख्य सचिव लालनुममाविया चुआंगो के साथ ही सीमा गतिरोध समाप्त करने के लिए बैठक की।
मिजोरम सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अवगत कराया है कि द्विपक्षीय वार्ता सफल रही, सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क नाकेबंदी हटा दी गई है और बुधवार रात से ही वाहन मिजोरम में प्रवेश करने लगे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मिजोरम के मुख्यमंत्री से भी कई बार बात की है, ताकि संकट को टाला जा सके। मिजोरम ने कहा था कि अगर असम में आपूर्ति करने वाले ट्रकों की नाकाबंदी को कम नहीं किया गया तो वह विदेश से आवश्यक आयात करेगा। असम और मिजोरम राज्यों के निवासियों के बीच झड़पों के बाद 16 अक्टूबर से सीमावर्ती इलाकों में तनाव बढ़ गया था। दोनों राज्यों के बीच मंगलवार को हुई जमीनी स्तर की वार्ता विफल रही थी।
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