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बढ़ने वाली है आपके लोन की ईएमआई, आरबीआई ने आठ महीने में पांचवीं बार बढ़ाया रेपो रेट, 0.35% की हुई बढ़ोतरी,

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांता दास ने पॉलिसी की घोषणा की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी हुई है और इसे 6.25 % कर दिया गया है। इस साल ब्याज दरों में ये पांचवीं बार बढ़ोतरी है। रेपो रेट बढ़ जाने की वजह से इसका असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई पर भी पड़ेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा मौद्रिक नीति समिति की बैठक खत्म होने के बाद की है। जानिए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की कही 10 बड़ी बातें?
1. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ”स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी (SDF रेट) को 6 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF रेट) और बैंक रेट को 6.5 फीसदी एडजस्ट किया गया है।
2. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, अगले 12 महीनों में मुद्रास्फीति दर 4 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है।
3. उन्होंने कहा, वित्त वर्ष 2023 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 6.7 प्रतिशत पर बरकरार है।
4. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ”एफडीआई प्रवाह अप्रैल से अक्टूबर 2022 में बढ़कर 22.7 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21.3 अरब डॉलर था।”
5. उन्होंने कहा, ”अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारतीय रुपए में वास्तविक रूप से 3.2% की बढ़ोतरी हुई थी। जबकि अन्य प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आई है।
6. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 2 दिसंबर को विदेशी मुद्रा भंडार 561.2 बिलियन डॉलर था। हमारे विदेशी मुद्रा भंडार का आकार पहले से अधिक बढ़ा है।
7. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, देश में फिलहाल महंगाई चिंता का विषय है। लेकिन हम महंगाई पर अर्जुन की तरह अपनी नजर रखेंगे और इसके लिए जरूरी कार्रवाई करते रहेंगे। हमारे कदम फुर्तीले होंगे।
8.आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ”भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वे से पता चलता है कि उपभोक्ता का विश्वास पहले से अधिक बढ़ा और सुधार हुआ है।
9. उन्होंने कहा, मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म आउटलुक को लेकर लोग आशावादी हैं। नवंबर में भारत के लिए विनिर्माण, सेवा पीएमआई दुनिया में सबसे ज्यादा रही है।
10. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, मौद्रिक नीति समिति की बैठक 5, 6 और 7 दिसंबर को हुई थी। व्यापक आर्थिक स्थिति और इसके दृष्टिकोण के आकलन के आधार पर, MPC ने 6 में से 5 सदस्यों के बहुमत से नीति को तत्काल प्रभाव से 35 बीपीएस से 6.25% करने का फैसला किया है।
रेपो रेट क्या होता है
रेपो रेट को प्रमुख ब्याज दर के नाम से भी जाना जात है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर कमर्शियल बैंक आरबीआई से पैसा उधार लेते हैं। जब बैंकों के लिए उधारी महंगी हो जाती है, तो वे इसका बोझ ग्राहकों पर डालते हैं और अधिक रेट पर लोन देते हैं। मतलब साफ है कि रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) महंगा हो जाता है। ग्राहकों को डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज का निर्धारण भी मोटे तौर पर रेपो रेट से ही होता है। यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी होने पर बैंक एफडी पर ब्याज दरों बढ़ा देते हैं। रेपो रेट में कमी से लोन सस्ता होता है ईएमआई (EMI) घट जाती है।
कब-कब बढ़ा रेपो रेट
आरबीआई ने इस साल चार मई को रेपो रेट में 0.4 फीसदी, 8 जून को 0.5 फीसदी, 5 अगस्त को 0.5 प्रतिशत और 30 सितंबर को 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है। आरबीआई मॉनीटरी पॉलिसी को तय करने के लिए सीपीआई (CPI) यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर गौर करता है। आरबीआई को महंगाई दर दो से छह फीसदी रखने का लक्ष्य दिया गया है लेकिन इस साल महंगाई लगातार इस स्तर से ऊंची रही है। यही वजह है कि आरबीआई लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रहा है।
किस किस दिन हुई बढ़ोतरी
किस दिन बढ़ा रेपो रेट कितनी हुई बढ़ोतरी कितना हो गया
07 दिसंबर, 2022 0.35% 6.25%
30 सितंबर 2022 0.5% 5.90%
05 अगस्त 2022 0.5% 5.40%
08 जून 2022 0.5% 4.90%
04 मई 2022 0.4% 4.40%
होम लोन की किस्त बढ़ेगी
बैंक जो नए रिटेल लोन देते हैं, वे किसी एक्सटरनल बेंचमार्क से जुड़े होते हैं। अधिकांश मामलों में यह रेपो रेट से जुड़ा होता है। यही वजह है कि रेपो रेट में किसी भी बदलाव का असर होम लोन के इंटरेस्ट रेट पर पड़ता है। यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी से अपने होम लोन की किस्त बढ़ जाएगी। साथ ही एमसीएलआर, बेस रेट और बीपीएलआर से जुड़े पुराने होम लोन पर भी इसका असर होगा। अगर किसी व्यक्ति ने अप्रैल 2022 में 30 लाख रुपये का होम लोन 6.95 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए ले रखा है तो अभी 8.60 फीसदी के हिसाब से उसकी किस्त 26,225 रुपये होगी। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद अगर बैंक लेंडिंग रेट में 35 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी करता है तो ब्याज दर 8.95 परसेंट पहुंच जाएगी। इससे उसकी किस्त बढ़कर 26,895 रुपये पहुंच जाएगी। यानी आपकी किस्त 670 रुपये बढ़ जाएगी।
दूसरे लोन भी होंगे जाएंगे
होम लोन के अलावा वीकल लोन (vehicle loan), एजुकेशन लोन (education loan), पर्सनल लोन (personal loan) और बिजनस लोन (business loan) भी महंगा हो जाएगा। बोरोइंग कॉस्ट बढ़ने से आम लोग अनावश्यक खर्च से बचते हैं जिससे मांग घटती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होगा जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है। हाल के दिनों में कई बैंकों ने एफडी पर ब्याज दर में भारी बढ़ोतरी की है।


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