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हिमाचल के रुझानों में कांग्रेस की सरकार : 1 सीट जीती, 38 पर आगे; भाजपा ने 6 जीतीं, 20 पर आगे

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग जारी है। कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि रुझानों में 38 पर आगे चल रही है। भाजपा 6 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि रुझानों में 20 पर आगे चल रही है। वहीं, निर्दलीय और अन्य उम्मीदवार 3 सीटों पर आगे चल रहे हैं। आप अभी खाता नहीं खोल पाई है।
सीएम ठाकुर रिकॉर्ड 7वीं बार जीते
सराज सीट से सीएम जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को रिकॉर्ड 20 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है। वहीं, मंडी जिले की सुंदरनगर सीट पर बीजेपी के राकेश जमवाल ने कांग्रेस के सोहन लाल ठाकुर को 8,125 वोट से हराया है।सीएम ठाकुर के गृह जिले में भाजपा क्लीन स्वीप की ओर बढ़ रही है। 10 में 5 सीटें भाजपा ने जीती हैं, बाकी 5 सीटों पर भी भाजपा आगे चल रही है।
तजा खबरों के अनुसार लाहौल-स्पीति सीट पर कांग्रेस के रवि ठाकुर ने जयराम सरकार में मंत्री रहे डॉ. रामलाल मारकंडा को हराया है। मंडी की पांचों सीटों के रिजल्ट घोषित: करसोग सीट पर दीपराज कपूर ने कांग्रेस के महेशराज को हराया। सरकाघाट सीट पर दलीप ठाकुर ने कांग्रेस के पवन कुमार को हराया। मंडी सीट पर अनिल शर्मा ने कांग्रेस की चंपा ठाकुर को हराया। शिमला ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व CM दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह कुल 7233 मतों से आगे चल रहे हैं। निर्दलीय उम्मीदवार केएल ठाकुर, नालागढ़ और और हितेश्वर सिंह बंजार विधानसभा क्षेत्रों से आगे चल रहे हैं।
चुनाव को लेकर नेताओं के बयान…
हिमाचल में नतीजों से पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने सीएम पद का दावा किया। उन्होंने कहा- राज्य के लोग चाहते हैं कि वीरभद्र परिवार का कोई व्यक्ति राज्य के विकास की विरासत को आगे बढ़ाए।
शुरुआती रुझान के बाद कांग्रेस के टेंट सूने
पोलिंग के बाद कांग्रेस ने EVM में गड़बड़ी की आशंका जताते हुई कई जगह स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर टेंट लगाए थे। स्ट्रॉन्ग रूम से EVM काउंटिंग सेंटरों पर ले जाए जाने के बाद कांग्रेस के यह तंबू खाली हो गए। बिलासपुर जिले की घुमारवीं सीट की EVM घुमारवीं कॉलेज में रखी गई थी। गुरुवार सुबह यह टेंट खाली नजर आया।
11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे
हिमाचल प्रदेश में हर बार 45 से 75% मंत्रियों के चुनाव हारने का भी ट्रेंड रहा है। इस बार भी जयराम ठाकुर के 11 में से 7 मंत्री कांटे के मुकाबले में फंसे हैं। दो मंत्रियों की तो सीट भी बदली गई। इनमें शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को शिमला शहरी सीट की जगह कसुम्पटी से और वनमंत्री राकेश पठानिया को कांगड़ा जिले की नूरपुर सीट की जगह फतेहपुर से उतारा गया।
पिछले 4 चुनाव में करीब आधे मंत्री हारे
पिछले चार चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो हर बार करीब आधे या उससे ज्यादा मंत्री चुनाव हार गए हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के CM वीरभद्र सिंह कैबिनेट के 11 में से 5 मंत्री चुनाव हार गए। 2012 में BJP सरकार में CM प्रेम कुमार धूमल के 10 में से 4 मंत्री चुनाव हार गए। 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए लेकिन उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट हार गए। इसी तरह 2003 में BJP के CM प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री जीत नहीं सके।
2017 में भाजपा के CM फेस धूमल अपने ही चेले से हारे
2017 के चुनाव में BJP ने 68 में से 44 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया, लेकिन उसके मुख्यमंत्री फेस प्रेम कुमार धूमल खुद हार गए। हमीरपुर जिले की सुजानपुर सीट पर धूमल को उन्हीं के ‘हनुमान’ कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह राणा ने 1 हजार 919 वोट से हराया। चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने वाले राणा का वह पहला विधानसभा चुनाव था। धूमल तब अपनी परंपरागत हमीरपुर सीट छोड़कर सुजानपुर से चुनाव लड़ने उतरे थे। 1984 के बाद धूमल की किसी चुनाव में यह पहली हार थी। धूमल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता हैं।


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