‘स्वतंत्र भारत में 2-3 पत्नियां रखने का चलन करना होगा खत्म ‘, असम के CM की नो बकवास सीधी बात, कहा,ऐसा बिलकुल नहीं चलेग
नई दिल्ली। अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अक्सर बयानबाजी करने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एकबार फिर मुसलमानों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी मुसलमानों की उस व्यवस्था के खिलाफ है, जिसमें कई पत्नियां रखने का चलन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो उस व्यवस्था के खिलाफ है जहां मुस्लिम लड़कियां स्कूल में नहीं पढ़ सकती हैं और मुस्लिम पुरुष 2-3 महिलाओं से शादी करते हैं।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि देश में ऐसी व्यवस्था नहीं चलेगी, इस व्यवस्था को बदलना होगा। सरमा ने कहा कि हम ‘सबका साथ सबका विकास’ चाहते है। हिमंत बिस्वा सरमा ने लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि एआईयूडीएफ प्रमुख की कथित सलाह के अनुसार महिलाएं ”20-25 बच्चे” पैदा कर सकती हैं, लेकिन उनके भविष्य में भोजन, कपड़े और शिक्षा पर होने वाला सारा खर्च विपक्ष को वहन करना होगा।”
सरमा ने कहा,”स्वतंत्र भारत में रहने वाले एक पुरुष को तीन-चार महिलाओं से शादी करने का कोई अधिकार नहीं हो सकता। हम ऐसी व्यवस्था को बदलना चाहते हैं। हमें मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए काम करना होगा। हम ‘सबका साथ सबका विकास’ चाहते हैं। अगर असमिया हिंदू परिवारों के डॉक्टर हैं तो मुस्लिम परिवारों के डॉक्टर भी होने चाहिए। कई विधायक ऐसी सलाह नहीं देते क्योंकि उन्हें ‘पोमुवा’ मुसलमानों के वोट चाहिए। बता दें कि पूर्वी बंगाल या वर्तमान बांग्लादेश से आने वाले बंगाली भाषी मुसलमानों को असम में बोलचाल की भाषा में ‘पोमुवा मुस्लिम’ कहा जाता है।
महिलाओं पर अजमल की विवादास्पद टिप्पणियों के बारे में बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, “असम में, हमारे पास बदरुद्दीन अजमल जैसे कुछ नेता हैं। वे कहते हैं कि महिलाओं को जल्द से जल्द बच्चों को जन्म देना चाहिए क्योंकि वह एक उपजाऊ भूमि है।” उन्होंने कहा कि एक महिला की प्रसव प्रक्रिया की तुलना किसी क्षेत्र से नहीं की जा सकती है।
आपको बता दें कि असम के करीमगंज में सांसद बदरुद्दीन ने कहा था कि मुस्लिमों की तरह हिंदुओं को भी बच्चों के मामले में फॉर्मूला अपनाना चाहिए। उन्हें बच्चों की कम उम्र में ही शादी करनी चाहिए।
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