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दुनिया का पहला होटल जो हर साल बनता है और 5 महीने बाद नदी में तब्दील हो जाता है

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नई दिल्ली। आमतौर पर जब किसी भी होटल का निर्माण होता है, तो उसे इस तरह मजबूती से बनाया जाता है कि वो सालों तक वैसे ही टिका रहे। लेकिन दुनिया में एक ऐसा होटल भी है, जो हर साल बनता है और फिर नदी में बह जाता है। जी हां, आपको यह जानकर हैरानी तो हो रही होगी, लेकिन यह अनोखा होटल स्वीडन में है। इसे आइस होटल के नाम से जाना जाता है।
स्वीडन के इस आइस होटल को हर साल सर्दियों में बनाया जाता है, लेकिन पांच महीने के बाद यह पिघल जाता है और नदी के पानी में मिल जाता है। इस अनोखे होटल को बनाने की परंपरा साल 1989 से ही चली आ रही है। यह 31वां साल है, जब होटल को बनाया गया है।
यह अनोखा होटल टॉर्न नदी के तट पर बना है। इसे बनाने के लिए नदी से करीब 2500 टन बर्फ निकाला जाता है और फिर अक्तूबर महीने से इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाता है। इसे बनाने के लिए दुनियाभर से कलाकार आते हैं, जो अपनी कलाकारी दिखाते हैं। हर साल होटल में पर्यटकों के ठहरने के लिए कई कमरे बनाए जाते हैं। इस बार यहां 35 कमरे बनाए गए हैं। कमरों के अंदर का तापमान करीब माइनस पांच डिग्री सेल्सियस रहता है। बताया जाता है कि हर साल करीब 50 हजार पर्यटक इस होटल में ठहरने के लिए आते हैं।
बाहर और अंदर दोनों से खूबसूरत दिखने वाला यह होटल मई महीने तक चलता है। उसके बाद यहां बर्फ पिघलनी शुरू हो जाती है, जिसके बाद होटल को बंद कर दिया जाता है। इस होटल में एक रात रुकने का किराया 17 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक है।
यह इको फ्रेंडली होटल है, यानी पर्यावरण के अनुकूल है। यहां सिर्फ सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों को ही लगाया गया है। इस होटल का खास बात ये है कि यहां एक आइस बार भी है। इतना ही नहीं, यहां पर पर्यटकों के पीने के लिए बर्फ के ही गिलास भी बनाए जाते हैं। होटल के अंदर इस तरह के साउंड इफेक्ट्स लगाए गए हैं कि लगता है कि आप किसी जंगल में हैं। वहीं, बच्चों के लिए यहां क्रिएटिव जोन भी बनाया गया है।


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