कोलकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच साल के अंत में फिर से मुलाकात हो सकती । जी-20 की बैठक में मुलाकात के बाद अब कोलकाता में पीएम मोदी और ममता बनर्जी के बीच मुलाकात हो सकती है। और वह मुलाकात कोलकाता में होने की संभावना है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं हुआ तो पीएम मोदी 30 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गंगा परिषद’ की बैठक के लिए कोलकाता आ सकते हैं।
प्रधानमंत्री ‘राष्ट्रीय गंगा परिषद’ के अध्यक्ष हैं. ममता बनर्जी को उस बैठक में परिषद के सदस्य-राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शामिल होगी. यह बैठक कोलकाता में होना प्रस्तावित है।
जी-20 की बैठक में शामिल हुईं थी ममता बनर्जी
प्रशासनिक और राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, ममता बनर्जीविभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं में अवरुद्ध धन की वसूली के लिए प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली गई थीं। उसके बाद केंद्र ने सौ दिनों के कार्य परियोजना को छोड़कर लगभग सभी परियोजनाओं के लिए आवंटन जारी करना शुरू कर दिया है। जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं।हालांकि, उनके बीच अलग से कोई मुलाकात नहीं हुई।
गृह मंत्री अमित शाह के साथ ममता बनर्जी की हुई थी बैठक
मुख्यमंत्री ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में बकाया का मुद्दा भी उठाया। बाद में ममता बनर्जी की उनसे हुई निजी मुलाकात ने लोगों ध्यान खींचा था। केंद्रीय गृह मंत्री पूर्वी क्षेत्रीय राज्यों की बैठक में शामिल होने के लिए कोलकाता आये थे।उस दौरान ममता बनर्जी और अमित शाह के बीच मुलाकात हुई थी। प्रधानमंत्री के आगामी दौरे में ममता बनर्जी एक बार फिर प्रशासनिक हलकों से बात कर सकती हैं।
गंगा में क्रूज पर बैठक होने के आसार
बता दें कि गंगा परिषद में सदस्य केंद्र के लगभग 10 मंत्रालय हैं. पश्चिम बंगाल के अलावा, राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड शामिल हैं। सब कुछ ठीक रहा तो उन राज्यों के मुख्यमंत्री भी बैठक में शामिल हो सकते हैं। राज्य सचिवालय नबान्न में उस उच्च स्तरीय बैठक की तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक कुछ हिस्सों में 30 तारीख को लगभग पूरे दिन विभिन्न कार्यक्रम चलने वाले हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में बातचीत होगी। यह बैठक गंगा पर क्रूज पर हो सकता है. दिसंबर 2019 में कानपुर में गंगा परिषद की बैठक हुई थी. उस समय पश्चिम बंगाल और झारखंड अनुपस्थित थे।
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