नई दिल्ली सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक लोन केस में वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी है। जांच एजेंसी इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वे फिलहाल तीन दिनों की सीबीआई रिमांड पर हैं।
यह कार्रवाई आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को दिए गए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में की गई है। इस मामले में आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को दो दिन पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।
गिरफ्तारी इस मामले में की गई है कि चंदा कोचर ने कथित तौर पर धोखाधड़ी से वीडियोकॉन ग्रुप ऑफ कंपनीज को ऋण दिया। तब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की क़र्ज़ मंज़ूर करने वाली समिति की प्रमुख थीं।
आरोप है कि इसके एवज में उनके पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल को वीडियोकॉन ग्रुप से निवेश मिला। लेकिन कुछ महीने बाद ही उन्होंने ये शेयर न्यूपावर को बेच दिए, वह भी कम कीमत पर। इसके बाद यह संदेह उठा कि दोनों में कोई रिश्ता तो नहीं है।
वीडियोकॉन को दिया गया ऋण एक एनपीए यानी गैर-निष्पादित संपत्ति में बदल गया और बाद में इसे ‘बैंक धोखाधड़ी’ माना गया। सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने भी दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
2012 में चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक का नेतृत्व किया और कथित तौर पर वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण दिया। छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली सुप्रीम एनर्जी ने नूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ रुपये का ऋण दिया, जिसमें कोचर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ईडी ने इससे जुड़े मनी लाउंड्रिंग की जाँच को लेकर चंदा कोचर की क़रीब 78 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया था। इसमें उनका मुंबई वाला घर और उस कंपनी की संपत्ति भी शामिल थी जिसके मालिक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं।
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