ऋषभ पंत को बचाने वाले इन फरिश्तों को सलाम, ‘सामने वाले शीशे से हाथ पकड़कर निकाला’ जान बचाने वाले सुशील ने बताई पूरी कहानी
नई दिल्ली। भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत आज दिल्ली-देहरादून हाइवे पर एक भीषण सड़क दुर्घटना में घायल हो गए। जैसे ही उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें आग लग गई। इस दौरान कई गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त कार के पास से गुजरती चली गईं। कुछ लोग वीडियो बनाकर चले गए। लेकिन कुछ ऐसे भी मसीहा थे जो वहां से गुजर थे और पंत को कार से निकालकर उन्हें अस्पताल में पहुंचाया। आम तौर पर दिल्ली जैसे शहरों में इस तरह की दुर्घटना में दुर्घटनास्थल पर रुकते तक नहीं हैं। लेकिन ऋषभ की कार की दुर्घटना होने के बाद वहां से गुजर रहे लोग न केवल रुके बल्कि उन्हें कंबल ओढ़ाते दिखे। ये लोग रोड के मसीहा थे। जिस तरह ऋषभ की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई और उस दौरान वहां से गुजर रहे लोगों ने जिस तत्परता से उन्हें जलती कार से निकाला वो सलाम के काबिल हैं। इस एक्सीडेंट के बाद सबसे पहले एक बस ड्राइवर सुशील कुमार पंत के पास पहुंचे थे। उन्होंने ही पंत को संभाला और एम्बुलेंस को बुलाकर पंत को अस्पताल भिजवाया. सुशील ने बताया कि पंत खून से लथपथ थे और उन्होंने ही बताया था कि वो क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।
पंत के साथ अस्पताल में उनकी मां भी मौजूद हैं
ऋषभ पंत को देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है, जहां उनकी मां भी साथ हैं। पंत को सिर और घुटने में गंभीर चोटें आईं हैं। उनका MRI भी कराया गया है. इसके अलावा पीठ और पैर के कुछ हिस्सों में भी चोटें आईं। पंत का यह एक्सीडेंट शुक्रवार सुबह करीब 5:30 बजे रूड़की के पास मोहम्मदपुर जाट एरिया में हुआ। बता दें कि ऋषभ पंत अपनी मर्सिडीज कार खुद चलाकर होम टाउन रूड़की जा रहे थे। इसी दौरान झपकी आई और उनकी कार डिवाइडर से टकराकर दुर्घटना ग्रस्त हो गई। पंत ने खुद बताया कि वह विंड स्क्रीन तोड़कर बाहर आए. इसके बाद कार में भीषण आग लग गई थी।
क्या बताया मौके पर मौजूद बस ड्राइवर ने ?
सुशील कुमार ने कहा, ‘मैं हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हूं. मैं हरिद्वार से आ रहा था। जैसे ही हम नारसन के पास पहुंचे 200 मीटर पहले मैंने देखा दिल्ली की तरफ से कार आई और करीब 60-70 की स्पीड में डिवाइडर से टकरा गई। टकराने के बाद कार हरिद्वार वाली लाइन पर आ गई। मैंने देखा कि अब बस भी टकरा जाएगी। हम किसी को बचा ही नहीं सकेंगे, क्योंकि मेरे पास 50 मीटर का ही फासला था। मैंने तुरंत सर्विस लाइन से हटाकर गाड़ी फर्स्ट लाइन में डाल दी। वो गाड़ी सेंकड लाइन में निकल गई। मेरी गाड़ी 50-60 की स्पीड में थी। मैंने तुरंत ब्रेक लगाया और खिड़की साइड से कूदकर गया।
पंत के शरीर पर कपड़े नहीं थे, सुशील ने चादर में लपेटा
बस ड्राइवर सुशील ने बताया, ‘मैंने देखा उस आदमी (ऋषभ पंत) को. वो जमीन पर पड़ा था। मुझे लगा वो बचेगा ही नहीं। कार में चिंगारियां निकल रही थीं। उसके पास ही वो (पंत) पड़ा था। हमने उसे उठाया और कार से दूर किया। मैंने उससे पूछा- कोई और है कार के अंदर। वो बोला मैं अकेला ही था। फिर उसी ने बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं। मैं क्रिकेट के बारे में इतना जानता नहीं। उसे साइड में खड़ा किया। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे, तो हमने अपनी चादर में उसे लपेट दिया।
ऐसे लोगों को सलाम है
सुबह के वक्त हुई इस घटना में ऋषभ की कार में जबरदस्त आग लग गई थी। इस घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें कुछ लोगों को पंत को उठाते हुए और उन्हें कंबल देते हुए दिख रहे हैं। इस दौरान पंत के मुंह और नाक से खून बहता भी दिख रहा है। लोग उन्हें कंबल से लपेट रहे हैं। आम तौर दिल्ली-एनसीआर के लोग ऐसी दुर्घटना के बाद कार नहीं रोकते हैं। यहां तक की घंटों घायल लोग रोड पर पड़े रहते हैं। लेकिन पंत को बचाने के लिए लोग दौड़ पड़े। उन्हें उठाया और नजदीक के अस्पताल पहुंचाया।
कंबल लपेटते और मफलर देते लोग
दुर्घटना के बाद के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं। उसमें पंत को लोग घेरे हुए हैं। उनसे हाल पूछते हैं। उसके बाद उन्हें कंबल के साथ-साथ मफलर भी दे रहे हैं। चूकि इस वक्त दिल्ली-एनसीआर में इस वक्त काफी ठंड पड़ रही है तो लोगों ने पंत को ठंड से भी बचाया। लोगों ने जिस तरीके से इस घटना में तत्परता दिखाई वो वाकई काबिले तारीफ है। ऐसे लोगों को ही धरती का मसीहा कहा जाता है। इन लोगों के काम से एकबार फिर ये भरोसा जागा है कि ऐसी दुर्घटनाओं में मानवता मदद करती है।
लोग वीडियो बनाते रहते हैं, पुलिस को फोन तक नहीं करते
दिल्ली जैसे शहरों में तो दुर्घटना होने के बाद लोग वीडियो बनाते रहते हैं। कई बार तो लोग एंबुलेंस और पुलिस को फोन तक नहीं करते हैं। इस तरह की दुर्घटना में घायल शख्स को तुरंत अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि घायल शख्स जितना जल्दी अस्पताल पहुंचता है उसकी जान बचने के चांस उतना ज्यादा रहता है। 2022 की जनवरी में कनाट प्लेस में वैशाली के रहने वाले शख्स विजय सिंह घायल हो गए थे। उनकी बाइक दूर तक घिसटती चली गई। वह देर तक रोड पर पड़े रहे लेकिन कोई उन्हें बचाने नहीं आया। बाद में किसी तरह वह अस्पताल पहुंचे थे। दिल्ली-एनसीआर में कई ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं जहां घायल लोगों को अगर समय पर मदद मिल जाती तो उनकी जान बच सकती थी। लेकिन लोग या तो वीडियो बनाने में मशगूल रहते हैं या फिर वहां से गुजर जाते हैं।
गौरतलब है कि ऋषभ पंत बंग्लादेश में टेस्ट सीरीज में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद देश लौटे थे। वह नए साल पर अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए देहरादून जा रहे थे। तभी तड़के पांच बजे के करीब उनकी गाड़ी रोड डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर होते ही उनकी कार में जबरदस्त आग लग गई। इस दौरान पंत वहां से गुजर रहे लोगों की मदद के जरिए कार से निकल पाए। इस दुर्घटना में वह बुरी तरह घायल हो गए हैं। अभी उनका देहरादून के अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस दुर्घटना के बाद कई दिग्गज खिलाड़ियों ने ट्वीट कर पंत के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की दुआ की है।
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