Universe TV
हर खबर पर पैनी नजर

जेएनयू के बाद अब जामिया में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर लेफ्ट बनाम राइट वाला बवाल

- Sponsored -

- Sponsored -


नई दिल्ली। गुजरात दंगों पर आधारित पर बीबीसी की डॉक्‍यूमेंट्री को भारत सरकार ने बैन कर दिया है। उधर डॉक्‍यूमेंट्री बैन के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (JNU) में स्क्रीनिंग को लेकर हुए विवाद के बाद अब जामिया मिल‍िया इस्‍लामिया (JMI) यूनिवर्सिटी डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग छात्र संघ SFI करा रहा है। आज शाम 6 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जाएगी। हालांकि जेएनयू में हुए बवाल के बाद जामिया में स्क्रीनिंग होना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। स्क्रीनिंग से पहले लेफ्ट के 4 छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जामिया के गेट नंबर पर 7 पर जेएनयू के छात्रों और पुलिस के जवानों के बीच झड़प देखने को मिली। छात्रों का कहना है कि पुलिस ने मेन गेट को बंद कर दिया है। ऐसे में यूनिवर्सिटी से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई पुलिस की ओर से की गई है। जामिया के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है। इससे पहले JNU में डॉक्‍यूमेंट्री की स्‍क्रीनिंग को लेकर विवाद हो चुका है।
मंगलवार रात जमकर हुआ जेएनयू में बवाल
जेएनयू में बीबीसी की डॉक्यूमेट्री की स्क्रीनिंग को लेकर मंगलवार रात जमकर हंगामा हुआ। कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर दूसरे गुट के लोगों ने पथराव किया। पथराव के बाद छात्रों में भगदड़ मच गई। घटना के बाद कैंपस की बिजली काट दी गई। इससे पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं दिखाने की सलाह दी थी। उधर यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी गई है। JNUSU की ओर से दिल्‍ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
छात्रसंघ ने शेयर किया पोस्टर
मंगलवार रात जेएनयू में पत्थरबाजी की घटना के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में अचानक बिजली सप्लाई काट दी गई थी। छात्रों ने मोबाइल, लैपटॉप पर विवादित डॉक्यूमेंट्री देखनी शुरू कर दी। इससे पहले जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने सुबह गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री का पोस्टर शेयर किया था। उन्होंने स्टूडेंट्स से स्क्रीनिंग के लिए जुड़ने की अपील की थी। जेएनयू एडमिनिस्ट्रेनशन का कहना था कि छात्रसंघ ने कार्यक्रम के लिए परमिशन नहीं ली है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना था कि ऐसी अनधिकृत गतिविधियों से यूनिवर्सिटी में शांति और सद्भाव भंग हो सकता है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें। ऐसा नहीं करने पर यूनिवर्सिटी के रूल्स के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।


- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.