नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए गए लोन की जानकारी मांगी है। सूत्रों के अनुसार अडानी ग्रुप की कंपनियों को बैंको ने कितना लोन दिया है इसकी जानकारी रिजर्व बैंक ने मांगी है। गौर करने वाली बात है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर पिछले कुछ दिनों में काफी गिर गए हैं। अडानी इंटरप्राइजेस ने अपने एफपीओ को भी वापस लेने का फैसला लिया है। कंपनी के चेयरमैन गौतम अडानी ने एफपीओ के 100 फीसदी सब्सक्राइब होने के बाद भी इसे वापस लेने का फैसला लिया। कंपनी की ओर से कहा गया है कि शेयर बाजार की अस्थिरता को देखते हुए हम अपने निवेशकों के हित में इस एफपीओ को वापस लेते हैं।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने गौतम अडानी ने कहा कि हमारे लिए यह नैतिक रूप से गलत होगा ऐसे हालात में 20 हजार करोड़ रुपए के एफपीओ के साथ आगे जाना। माना जा रहा है कि गौतम अडानी की ओर से लिया गया यह फैसला निवेशकों की भावनाओं को अपनी ओर करना है। बहरहाल जिस तरह से गौतम अडानी की कंपनी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई है उसके बाद से कंपनी के शेयर काफी नीचे गिरे हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई सवाल खड़े किए गए हैं। कंपनी पर गलत तरह से आंकड़ों को दिखाने का आरोप लगाया गया है। लेकिन इन तमाम आरोपों से अडानी ग्रुप ने इनकार किया है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को झूठा बताया है। अडानी ग्रुप की ओर से हिंडनबर्ग के सभी 88 सवालों के जवाब विस्तार से दिए गए हैं। लेकिन हिंडनबर्ग ने इसपर पलटवार करते हुए कहा कि हमारे सवालों के जवाब नहीं दिए गए, बल्कि सवालों से ध्यान भटकाने के लिए देशहित और राष्ट्रवाद का सहारा लिया गया।
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