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कोरोना : साल भर गुलजार रहनेवाला एनजीपी में पसरा सन्नाटा , पोर्टर , हॉकर व गाडी मालिकों की जीविका पर संकट

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सिलीगुड़ी, सिलीगुड़ी को पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है। हार साल काफी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक पड़ोसी राज्य सिक्किम, भूटान, दार्जिलिंग और डुआर्स घूमने आते हैं। साल भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। पर्यटन मौसम में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर परयटकों का हुजूम उमड़ पड़ता है।  पर कोरोना काल में यह अतीत सा प्रतीत होता है। दार्जीलिंग समेत आस पास के पर्यटन स्थल आगुन्तकों के स्वागत का बेसब्री से  इन्तजार कर रहे हैं पर दूर दूर तक पर्यटकों का नामो निशान नहीं है। पर्यटकों के अभाव में साल भर गुलजार रहनेवाला यह पर्यटन केंद्र आज सूना पड़ा है।  बताते चले दार्जीलिंग समेत तराई , डुआर्स , सिक्किम कहीं भी जाना हो लोगों को एनजेपी स्टेशन आना पड़ता है। यहाँ ट्रेन से उतारते ही पर्यटक बड़ी बड़ी गाड़ियों में भरकर अपने अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाते हैं, पर कोरोना काल में आज एनजेपी स्टेशन सुना पड़ा है।  यहाँ पर्यटकों की किलकारी सुनाई नहीं  पड़ रही है। यहाँ ट्रेनों की आवाज भी कम गूंजती है।  गिने चुने ट्रेनों का आगमन होता है जिसमे काफी कम संख्या में लोग आते जाते हैं। वर्तमान में, न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर 100 से अधिक पोर्टर्स हैं जो यात्रियों का सामान वहन  कर घर संसार चलाते हैं। हालाँकि पर्यटकों का आना बंद होने से उनक आजीविका पर भी संकट आ गया है। इन लोगों ने बताया सरकार की ओर से उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिलती है तो उनके सामने खाने का संकट खड़ा हो जायेगा। यही हाल यहाँ हैकरों का  है।  दुकानें सजी है पर खरीददार नहीं है। दूसरी ओर गाडी चालक भी परेशान हैं।  सवारी नहीं मिलने से उनकी आय बंद हैं । इन चालकों ने बताया बैंक से ऋण लेकर उन लोगों ने गाडी खरीदी हैं। एक तरफ घर संसार  चलाने की परेशानी है तो दूसरी ओऱ बैंक का ऋण चुकाना का दवाब है।


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