मुंबई । महाराष्ट्र में शिवसेना के दो धड़े बन चुके हैं। एक उद्धव ठाकरे और दूसरा शिंदे गुट। हाल ही में चुनाव आयोग के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा। पार्टी का असली सिंबल और नाम अब एकनाथ शिंदे गुट के पास जा चुका है। वहीं अब शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को संसद में शिवसेना कार्यालय आवंटित किया गया है। लोकसभा सचिवालय का कहना है कि कमरा संख्या 128, संसद भवन शिवसेना संसदीय दल (एकनाथ शिंदे गुट) को शिवसेना संसदीय दल के कार्यालय के लिए आवंटित किया गया है।
संसद में शिवसेना कार्यालय आवंटित
उद्धव ठाकरे के हाथ से अब संसद का कार्यालय भी निकल चुका है। लोकसभा सचिवालय ने बताया कि संसद में शिवसेना का कार्यालय पार्टी के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को आवंटित किया गया है। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र सीएम शिंदे द्वारा पार्टी के नाम और धनुष-बाण चुनाव चिह्न पर नियंत्रण हासिल करने और शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करने की घोषणा के के कुछ दिनों बाद सामने आया है।
शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के आदेश के बाद पार्टी की पहली बैठक में विधायक, सांसद और अन्य नेता शामिल होंगे। जानकारी के मुताबिक बैठक में कुछ प्रमुख फैसलों की उम्मीद है, जैसे कि नई कार्यकारी समिति की नियुक्ति। इधर, पार्टी का नाम और सिंबल के नुकसान के बाद उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया है।
अब एक ही आशा है सर्वोच्च न्यायालय: राउत
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट आशा की आखिरी किरण है। इस देश में सभी संस्थाएं खत्म हो गई हैं। लोकतंत्र की हत्या हो गई है, तो अब एक ही आशा है सर्वोच्च न्यायालय। हम वहां जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे।
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